Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Oct 2024 · 1 min read

कोशी मे लहर

कोसी के लहर जब उठल अपार,
कछार बस्तीमे मचि गेल हाहाकार।
धारामे बहल सभक सप्पन,
ले माटि बान्ह गाम अपन।

धारा कहैय— “हमर राह कठिन,
जे जियैय हमर संग, से बुझैय व्यथाक दिन।”
तट पर ठाढ़ रहैय लोक गुमशुम,
जब नदी खोंइछ समा गेल
ई जिनगीक सांझ-बिहान।

कहियो कोशी सुगंध बहाबैय,
कहियो सभ किछ नाश कराबैय।
लहर मे नुकल कतेक अफसाना,
कोनो प्रेमक कथा,कोनो दर्द पुराना।

तू बहऽ, कोशी, अपन मिजाज मे ,
कखनु शीतल धारा, कखनु जहर मे ।
हमरो हियाक दर्द बहा ले अब,
जहिना जिनगीक लहरि रहैय अब तरंग।

कोशीक लहर मे जीवन बहैय जाए,
ककरो सपन बाँचए, ककरो बहा ले जाए।
ई लहरि तन जिनगीक खेला,
कहियो अपना, कहियो पराया!

—-श्रीहर्ष—–

Language: Maithili
49 Views

You may also like these posts

अपना भी नहीं बनाया उसने
अपना भी नहीं बनाया उसने
डॉ. दीपक बवेजा
वो ख्वाबों में सपने संजोती तो होगी
वो ख्वाबों में सपने संजोती तो होगी
कृष्णकांत गुर्जर
समय की धारा
समय की धारा
Neerja Sharma
यह कौनसा मोड़ आया ?
यह कौनसा मोड़ आया ?
Abasaheb Sarjerao Mhaske
मां
मां
Arghyadeep Chakraborty
रिसर्च
रिसर्च
Rambali Mishra
हम हारते तभी हैं
हम हारते तभी हैं
Sonam Puneet Dubey
झूठों की मंडी लगी, झूठ बिके दिन-रात।
झूठों की मंडी लगी, झूठ बिके दिन-रात।
Arvind trivedi
आशार
आशार
Bodhisatva kastooriya
4. The Ultimate
4. The Ultimate
Santosh Khanna (world record holder)
सफ़र जिंदगी के.....!
सफ़र जिंदगी के.....!
VEDANTA PATEL
"वोटर जिन्दा है"
Dr. Kishan tandon kranti
Most times, things that happen to us have the capacity to in
Most times, things that happen to us have the capacity to in
पूर्वार्थ
बुढ़ापे में भी ज़िंदगी एक नई सादगी लाती है,
बुढ़ापे में भी ज़िंदगी एक नई सादगी लाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रेरणा
प्रेरणा
Shyam Sundar Subramanian
अजी क्षमा हम तो अत्याधुनिक हो गये है
अजी क्षमा हम तो अत्याधुनिक हो गये है
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
बड़ी मिहनत लगाते है करीने से सजाने में,
बड़ी मिहनत लगाते है करीने से सजाने में,
डी. के. निवातिया
अदालत में क्रन्तिकारी मदनलाल धींगरा की सिंह-गर्जना
अदालत में क्रन्तिकारी मदनलाल धींगरा की सिंह-गर्जना
कवि रमेशराज
3062.*पूर्णिका*
3062.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
स्वभाव
स्वभाव
अखिलेश 'अखिल'
बेटियां
बेटियां
indu parashar
कर्मपथ
कर्मपथ
Indu Singh
फूल का मुस्तक़बिल
फूल का मुस्तक़बिल
Vivek Pandey
मैं गांठ पुरानी खोलूँ क्या?
मैं गांठ पुरानी खोलूँ क्या?
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
बदलाव
बदलाव
Sakhi
कुछ लोग मुझे इतना जानते है की मैं भी हैरान हूँ ।
कुछ लोग मुझे इतना जानते है की मैं भी हैरान हूँ ।
Ashwini sharma
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
दिल..
दिल..
हिमांशु Kulshrestha
कवि और केंकड़ा
कवि और केंकड़ा
guru saxena
उस
उस "पीठ" को बेवक़ूफ़ मानिएगा, जो "पेट" की शिकायत हमेशा उसी की
*प्रणय*
Loading...