Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Sep 2024 · 1 min read

फिसलती रही रेत सी यह जवानी

एक ग़ज़ल मय गीत

जिन धुन पर गाया जा सकता है।
धुन + 1.इशारों इशारों में दिल लेने ….
2 .जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा।
3. रहे तू सदा खुश जफा करने
4 बहुत प्यार करते है तुमसे …
वफा कर रहे है वफा करने
*************************************************
(मुखड़ा)
फिसलती रही रेत सी यह जवानी।
सँभाले न सम्भलेकिसी के जवानी।

(अंतरा एक)
कभी बहती नदिया के सिमटे से धारे।
कभी तोड़ दे सब नदी के किनारे ।
वो चुपचाप बहती खबर ना किसी को
,कभी शोर करती जूँ दरिया का पानी।
फिसलने लगी …..

(दो)
न सुनती किसी की कभी कोई बातें।
न दिन का पता है न मालूम रातें।
सदा अपने मन की ये करती रही है।
कभी मिलती खुशियां कभी मिलती लातें।
मगर एक दिन बन ये जाती कहानी।
फिसलने लगी रेत सी यह जवानी।

(तीन)
बिता दिन दिये याद में जो किसी के।
न खाया न पहना , हुए ना किसी के।
मगर ये जवानी रही लौटने से।
पड़े फर्क कितना क्या इसका किसी के।
मगर बेवजह याद आती पुरानी।
फिसलने लगी रेत सी ये जवानी……………।
( चतुर्थ)
नही चाल इसकी तो रोके रुकी है।
बड़ी हस्तियां भी यहां फिर झुकी है।
नही कोई जीता जवानी से यारों।
सभी पर सदा यह तो भारी पड़ी है।
मचलती रही है सदा ही रवानी।
फिसलने लगी है रेत सी यह जवानी।
(पंचम)
मचलती लहरों को भुलाने लगा है।
ये दरिया मनो तो ठहरने लगा है।
सुबह का था सूरज जो ढलने लगा है।
कुछ ही पलों में बनेगा कहानी।
फिसलने लगी है रेत सी जवानी।

@कलम घिसाई

Language: Hindi
93 Views

You may also like these posts

कमाण्डो
कमाण्डो
Dr. Kishan tandon kranti
करना क्या था, मैं क्या कर रहा हूं!
करना क्या था, मैं क्या कर रहा हूं!
Vivek saswat Shukla
चौपाई छंद गीत
चौपाई छंद गीत
seema sharma
हमें भी जिंदगी में रंग भरने का जुनून था
हमें भी जिंदगी में रंग भरने का जुनून था
VINOD CHAUHAN
गौरैया
गौरैया
Shutisha Rajput
ज़िन्दगी के सीधे सपाट रास्ते बहुत लंबी नहीं होती,
ज़िन्दगी के सीधे सपाट रास्ते बहुत लंबी नहीं होती,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दूर दूर रहते हो
दूर दूर रहते हो
surenderpal vaidya
अवसर तलाश करते हैं
अवसर तलाश करते हैं
अरशद रसूल बदायूंनी
कविता
कविता
Rambali Mishra
ज्ञान-दीपक
ज्ञान-दीपक
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
अभी बाकी है
अभी बाकी है
Vandna Thakur
कुछ...
कुछ...
Naushaba Suriya
Poetry Writing Challenge-2 Result
Poetry Writing Challenge-2 Result
Sahityapedia
कुछ ही दिन में दिसंबर आएगा,
कुछ ही दिन में दिसंबर आएगा,
Jyoti Roshni
बरगद एक लगाइए
बरगद एक लगाइए
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
वफा
वफा
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
कुछ लोग
कुछ लोग
Dr.Pratibha Prakash
माँ
माँ
Dileep Shrivastava
*डॉंटा जाता शिष्य जो, बन जाता विद्वान (कुंडलिया)*
*डॉंटा जाता शिष्य जो, बन जाता विद्वान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ଅନୁଶାସନ
ଅନୁଶାସନ
Bidyadhar Mantry
शुभ दिवाली
शुभ दिवाली
umesh mehra
बाण मां रा दोहा
बाण मां रा दोहा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
गलतियां
गलतियां
Nitin Kulkarni
*******खुशी*********
*******खुशी*********
Dr. Vaishali Verma
भक्ति गाना
भक्ति गाना
Arghyadeep Chakraborty
Loving someone you don’t see everyday is not a bad thing. It
Loving someone you don’t see everyday is not a bad thing. It
पूर्वार्थ
गुहार
गुहार
Sonam Puneet Dubey
दीपावली स्वर्णिम रथ है
दीपावली स्वर्णिम रथ है
Neelam Sharma
3374⚘ *पूर्णिका* ⚘
3374⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
ईश्वर की व्यवस्था
ईश्वर की व्यवस्था
Sudhir srivastava
Loading...