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24 Sep 2024 · 1 min read

अब ये हाथ मुझे चुभने लगे हैं

अब ये हाथ मुझे चुभने लगे हैं,
जुल्फों के नाग मुझे डसने लगे हैं।

ना करो कंधे पर सर रखकर सोने की बातें,
अब तो लोग भी हम पर हंसने लगे हैं।

गैरों को क्या पड़ी है जो वो हमको आजमाएं,
अपने ही अब हमें परखने लगे हैं।

इस क़दर खुश हैं हम भी तुम्हें पाकर अब कि,
देखकर दुश्मन हमें आह भरने लगे हैं।

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