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19 Sep 2024 · 1 min read

मुझे ख़्वाब क्यों खलने लगे,

मुझे ख़्वाब क्यों खलने लगे,
नींद में हैं ख़लल करने लगे ।

वही बात जो बताना नहीं चाहता ,
उसी की तरफ़दारी नयन करने लगे ।

जो छिपाया बहुत ज़माने से था ,
उसकी चुग़ली ये करने लगे ।।

डा राजीव “सागरी”

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