जीवन में ईनाम नहीं स्थान बड़ा है नहीं तो वैसे नोबेल , रैमेन
बगुले ही बगुले बैठे हैं, भैया हंसों के वेश में
मुझे किसी से गिला नहीं है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*काले-काले मेघों ने ज्यों, नभ का सुंदर श्रृंगार किया (राधेश्
प्रतिभा हो अनाड़ी दिखना नहीं है
चकोर हूं मैं कभी चांद से मिला भी नहीं
अलख क्रांति
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
राना लिधौरी के बुंदेली दोहा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"महामंत्र है स्वच्छता"
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
यूँ मिला किसी अजनबी से नही
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
"भाग्य से जीतनी ज्यादा उम्मीद करोगे,