Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Sep 2024 · 1 min read

“सागर की बेटी”

“सागर की बेटी”

सागर की वह बेटी है
सागर में खुश रहती,
चाहे कितने ही गहरे हो
पानी से ना डरती।

2 Likes · 3 Comments · 55 Views
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

आध्यात्मिक दृष्टि से जीवन जीना आवश्यक है, तभी हम बाहर और अंद
आध्यात्मिक दृष्टि से जीवन जीना आवश्यक है, तभी हम बाहर और अंद
Ravikesh Jha
पदावली
पदावली
seema sharma
हम दलित हैं
हम दलित हैं
आनंद प्रवीण
सब्र का बांँध यदि टूट गया
सब्र का बांँध यदि टूट गया
Buddha Prakash
माखन चौर
माखन चौर
SZUBAIR KHAN KHAN
जो नहीं मुमकिन था, वो इंसान सब करता गया।
जो नहीं मुमकिन था, वो इंसान सब करता गया।
सत्य कुमार प्रेमी
गौरवशाली भारत
गौरवशाली भारत
Shaily
26. ज़ाया
26. ज़ाया
Rajeev Dutta
हमें पकड़ते नहीं
हमें पकड़ते नहीं
महेश चन्द्र त्रिपाठी
दुनिया में सबसे अच्छा यह अपना हिंदुस्तान है (गीत)
दुनिया में सबसे अच्छा यह अपना हिंदुस्तान है (गीत)
Ravi Prakash
सत्य साधना
सत्य साधना
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
*दुनियादारी की समझ*
*दुनियादारी की समझ*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
" महक संदली "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
"काफ़ी अकेला हूं" से "अकेले ही काफ़ी हूं" तक का सफ़र
ओसमणी साहू 'ओश'
4807.*पूर्णिका*
4807.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मंजर
मंजर
Divya Trivedi
माँ का द्वार
माँ का द्वार
रुपेश कुमार
इश्क
इश्क
SUNIL kumar
इस बार
इस बार "अमेठी" नहीं "रायबरैली" में बनेगी "बरेली की बर्फी।"
*प्रणय*
यूं हाथ खाली थे मेरे, शहर में तेरे आते जाते,
यूं हाथ खाली थे मेरे, शहर में तेरे आते जाते,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हमारे दुश्मन सारे
हमारे दुश्मन सारे
Sonam Puneet Dubey
अंधेरी रात
अंधेरी रात
Shekhar Chandra Mitra
गजल
गजल
जगदीश शर्मा सहज
बस इतने के लिए समेट रक्खा है
बस इतने के लिए समेट रक्खा है
शिव प्रताप लोधी
"आज का दुर्योधन "
DrLakshman Jha Parimal
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
इश्क
इश्क
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"विजेता"
Dr. Kishan tandon kranti
"खामोशी की गहराईयों में"
Pushpraj Anant
दुश्मनों  को  मैं हुकार  भरता हूँ।
दुश्मनों को मैं हुकार भरता हूँ।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
Loading...