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22 Aug 2024 · 1 min read

रिश्तों का खेल अब बाजार सा हो गया,

रिश्तों का खेल अब बाजार सा हो गया,
हर दिल का सौदा अब व्यापार सा हो गया।।
इश्क़ जो था कभी दिलों का सच्चा एहसास,
अब बस एक ऐप पर देखा जाने वाला वास्ता हो गया।।
जो कभी चाँद तारे तोड़ लाने का वादा करते थे,
अब उन्हीं की नजर में प्यार एक आदेश सा हो गया।।
डेटिंग ऐप्स पर मिलते हैं हज़ारों चेहरे रोज़,
पर उनमें से कोई भी दिल से यार सा न हो गया।।
हर प्रोफाइल में छुपी होती है एक अनकही कहानी,
पर प्रेम की जगह अब हार्मोनल सा बवाल हो गया।।
जो पहले दिलों से जुड़ते थे रिश्ते,
अब वो बस एक टच और स्वाइप का हाल हो गया।।
प्रेम की तलाश में खो गया जो सफर,
अब वो अकेलेपन का दुश्वार सा रास्ता हो गया।।
ना दिल लगा, ना दिल मिला इस डिजिटल दुनिया में,
ये रिश्तों का खेल बस एक और त्रासदी का हिस्सा हो गया।।

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