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15 Aug 2024 · 2 min read

तू नहीं चाहिए मतलब मुकम्मल नहीं चाहिए मुझे…!!

हमारे गुजरे हुए दिन यह गवाही देते हैं
ना बीते लम्हे सच्चे थे और ना आशिकी,
तुम सिर्फ मेरी हो.. इस यकीन को हर बार वहम में तब्दील किया है तुमने,
पहले दिल कहता था तू नहीं तो जिंदगी नहीं..
अब दिल कहता है तू रही तो फिर यह मौत किस काम की,
और अब मेरा दिल कांच से पत्थर -दिल हो चुका है,
तेरे नखरे..ना नजाकत..सब नाकाम रहे,
तेरे होश.. और ना तेरी हवस.. सब नाकाम रहे
ना नशा तेरा चढ़ा.. ना तुझपे गुमान बढ़ा,
तेरे लफ्जों की शिकायत सच में नाकाम रही..!!

अब फर्क नहीं पड़ता जब तुम हो अपनी दुनिया में मगरूर..
और मैं अपनी जिंदगी में मशगूल..
ना मेरा इश्क तेरे लिए बना था शायद..
और ना तू उसके लायक निकली..
तेरे लिए जो चाहत थी मेरे दिल में वह नफरत में ढलने लगी,
अब ना मैं खुद को तुझ में ढूंढता हूं..
और ना तुम मुझ में बची कही..
तुम किसी और के होकर पूछते हो तुम्हें क्या चाहिए मुझसे..
जाहिर सी बात है मेरी जान..
मुझे ना तू चाहिए..ना तेरा इश्क चाहिए,
मुझे ना तेरा दर्द चाहिए.. और ना दुआ चाहिए,
मुझे ना तेरी नजर चाहिए..ना तेरा नजरिया चाहिए,
मुझे ना तेरे वादे चाहिए.. ना तेरे इरादे चाहिए,
मुझे ना तेरा भरोसा चाहिए.. ना तेरी दगाबाजी चाहिए,
मुझे ना तेरा जिस्म चाहिए..ना तेरी जवानी चाहिए,
मुझे ना तेरा वक़्त चाहिए..ना तेरी वफ़ादारी,
मुझे ना हुजूर चाहिए.. ना तेरा गुरूर चाहिए,
मुझे ना रूह चाहिए और ना रिवायत चाहिए,
ना अपने सफ़र में तेरी कोई कहानी चाहिए…!

ना शिकायत रही कोई तुझसे..ना कोई समझौता चाहिए,
तुझे वफा करने के मौके बहुत दिए सनम,
अब तेरी ना कोई वफाई चाहिए..
तेरी मीठी बातों से.. तेरी मासूमियत के छलावे से.. उब चुका हूं मैं,
इश्क के दिखाए को और दगाबाजी के पहनावे को बंद करो सनम,
अब तेरे रेहमो करम को बहुत झेल चुके हैं हम,
अब दूर ही रहना मुझसे
और रहने दो मुझे मेरे हाल पर..
अब तू और तेरी झूठी कहानी भी नहीं चाहिए मुझे,
तू नहीं चाहिए मतलब मुकम्मल नहीं चाहिए मुझे…!!
❤️ Ravi Love ❤️

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