Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jun 2024 · 1 min read

परित्यक्त अपने को सक्षम करें।

परित्यक्त होना बेचारी हैं । परित्यक्तता जीवन जो निबाहें वो नारी है।
नही तो बड़ी बदलचन है ।
ये बोझ कलंक बड़ी भारी हैं। परित्यक्त कहती हैं कि क्या स्वीकार करूं, क्या अस्वीकार करूं। सूनी हैं हर उमंग मेरी, आंसू भरा जीवन। अनुभव कहती हैं, जीवन जीएं बिना, यूं ना जाया करों । अपने हलाते गम , हमें भी समझाया करो। यूं नादान है प्राय:,कर्म से ही महान हैं प्रायः यहां सभी। अपने कर्म पर जोर दिया करें। व्यर्थ की बातें ना सुने, यहां कौन अपना है। हर सांस में अकेलापन, मौत भी अकेले।टूटती हुई कि भी होनी चाहिए,आखिरी मंजिल जिंदगी। जिंदगी अनमोल है, इसे व्यर्थ नहीं गंवाये,अपने को सक्षम बनाएं।

Language: Hindi
2 Likes · 86 Views

You may also like these posts

We Would Be Connected Actually
We Would Be Connected Actually
Manisha Manjari
बुरा न मानो, होली है! जोगीरा सा रा रा रा रा....
बुरा न मानो, होली है! जोगीरा सा रा रा रा रा....
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
हे राम तुम्हीं कण कण में हो।
हे राम तुम्हीं कण कण में हो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*सागर में ही है सदा , आता भीषण ज्वार (कुंडलिया)*
*सागर में ही है सदा , आता भीषण ज्वार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें
कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें
Atul "Krishn"
"बात हीरो की"
Dr. Kishan tandon kranti
दिखावे की
दिखावे की
Vishal Prajapati
यदि हमें शांति के पथ पर चलना है फिर हमें अस्तित्व से जुड़ना
यदि हमें शांति के पथ पर चलना है फिर हमें अस्तित्व से जुड़ना
Ravikesh Jha
****** धनतेरस लक्ष्मी का उपहार ******
****** धनतेरस लक्ष्मी का उपहार ******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सब कुछ छोड़ कर जाना पड़ा अकेले में
सब कुछ छोड़ कर जाना पड़ा अकेले में
डॉ. दीपक बवेजा
मुझे नहीं पसंद किसी की जीहुजूरी
मुझे नहीं पसंद किसी की जीहुजूरी
ruby kumari
Farmer
Farmer
Iamalpu9492
प्यार में, हर दर्द मिट जाता है
प्यार में, हर दर्द मिट जाता है
Dhananjay Kumar
■ प्रणय_गीत:-
■ प्रणय_गीत:-
*प्रणय*
कितना कुछ
कितना कुछ
Surinder blackpen
सत्य की खोज
सत्य की खोज
लक्ष्मी सिंह
“ख़ामोश सा मेरे मन का शहर,
“ख़ामोश सा मेरे मन का शहर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मन की बुलंद
मन की बुलंद
Anamika Tiwari 'annpurna '
रंग तिरंगे के छाएं
रंग तिरंगे के छाएं
श्रीकृष्ण शुक्ल
मैं नारी हूं, स्पर्श जानती हूं मैं
मैं नारी हूं, स्पर्श जानती हूं मैं
Pramila sultan
बगुलों को भी मिल रहा,
बगुलों को भी मिल रहा,
sushil sarna
Tryst
Tryst
Chaahat
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
यादों पर एक नज्म लिखेंगें
यादों पर एक नज्म लिखेंगें
Shweta Soni
मंद बुद्धि इंसान
मंद बुद्धि इंसान
RAMESH SHARMA
सपनों का घर
सपनों का घर
Vibha Jain
ফুলডুংরি পাহাড় ভ্রমণ
ফুলডুংরি পাহাড় ভ্রমণ
Arghyadeep Chakraborty
मुझे नहीं मिला
मुझे नहीं मिला
Ranjeet kumar patre
4419.*पूर्णिका*
4419.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बबूल
बबूल
डॉ. शिव लहरी
Loading...