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31 May 2024 · 1 min read

पिताजी की बाते

मैं खुश हूं
खा रहा हु
सुख से हूं
पिताजी को बस यही कहना

उन्हें न बताना मैं
यहां समान ढोता हूं
कट्टे उचकता हू फिर भी
चार बाते सुन के सोता हूं

उन्हें बस इतना कहना
में यहां एसी में सोता हूं
राजा बनके जीता था
राजा बनके जीता हूं

पिताजी जब कहते थे
पढ़ ले तो शायद यहां न होता
छोड़ो वो बाते पिताजी को मेरा
प्रणाम कहना

कहना दवा लेते रहे
यहां सब खुशहाल है
यहां की चिंता न करें कहना
पिताजी को मेरा प्रणाम कहना

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