Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2024 · 2 min read

*हमारा विनाश कव शुरू हुआ था?* 👉🏻

हमारा विनाश कव शुरू हुआ था? 👉🏻
1.हमारा विनाश उस समय से शुरू हुआ था जब हरित क्रांति के नाम पर देश में रासायनिक खेती की शुरूआत हुई और हमारा पौष्टिक वर्धक, शुद्ध भोजन विष युक्त कर दिया है!

2. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश में जर्सी गाय लायी गई और भारतीय स्वदेशी गाय का अमृत रूपी दूध छोड़कर जर्सी गाय का विषैला दूध पीना शुरु किया था!

3. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन भारतीयों ने दूध, दही,मक्खन, घी आदि छोड़कर शराब पीना शुरू किया था!

4. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश वासियों ने गन्ने का रस छोड़कर पेप्सी, कोका कोला पीना शुरु किया था जिसमें 12 तरह के कैमिकल होते हैं और जो कैंसर, टीबी, हृदय घात का कारण बनते हैं!

5. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश वासियों ने शुद्ध देशी तेल खाना छोड़ दिया था और रिफाइंड आयल खाना शुरू किया था जो रिफाइंड ऑयल हृदय घात, आदि का कारण बन रहा है!

6. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश के युवाओं ने नशा शुरू किया था बीडी, सिगरेट, गुटखा, गांजा, अफीम, आदि शुरू किया था जिससे से कैंसर बढ रहा है!

7. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ जिस दिन देश में 84 हजार नकली दवाओं का व्यापार शुरु हुआ और नकली दवाओं से लोग मर रहे हैं!

8. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश वासियों ने अपने स्वदेशी भोजन छोड़कर पीजा, बर्गर, जंक फूड खाना शुरू किया था जो अनेक बीमारियों का कारण बन रहा है!

9. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन लोगों ने अनुशासित और स्वस्थ दिनचर्या को छोड़कर मनमानी दिनचर्या शुरू की थी ।

10. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन लोगों ने घरों में एलुमिनियम के बर्तन व घर में फ्रिज लाया था।

11. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन भारतीय जीवन शैली को छोड़कर विदेशी जीवन शैली शुरू की थी।

12 .हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन लोगों ने स्वस्थ रहने का विज्ञान छोड दिया था और अपने शरीर के स्वास्थ्य सिद्धांतों के विपरीत कार्य करना शुरू किया था ।
13. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश का अधिकतर युवा / युवतियां व्यभिचारी बनकर कंडोम का प्रयोग करके व्यभिचार करना ,गर्भ निरोधक गोलियां खाना,लाखों युवतियां हर साल गर्भाशय कैंसर से मरती हैं।
नोट :- हमारे विनाश के अनेक कारण हैं आज लोगों को सिर्फ को.रोना ही दिखाई दे रहा है उन्हें यह भी देखना चाहिए कि लोग कैंसर, टीबी, हृदय घात, शुगर, किडनी फेल, हाई वीपी, लो वीपी, अस्थमा आदि गंभीर बीमारियों से मर रहे हैं!!

155 Views

You may also like these posts

नमन नमन वसुंधरा नमन नमन तुझे वतन
नमन नमन वसुंधरा नमन नमन तुझे वतन
Dr Archana Gupta
पुलवामा अटैक
पुलवामा अटैक
लक्ष्मी सिंह
इम्तिहान
इम्तिहान
AJAY AMITABH SUMAN
राहें  आसान  नहीं  है।
राहें आसान नहीं है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
🥗फीका 💦 त्योहार 💥 (नाट्य रूपांतरण)
🥗फीका 💦 त्योहार 💥 (नाट्य रूपांतरण)
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
धरती दिल की बाँझ
धरती दिल की बाँझ
Rishabh Tomar
यूं  बड़े-बड़े ख्वाब
यूं बड़े-बड़े ख्वाब
Chitra Bisht
शायद मैं भगवान होता
शायद मैं भगवान होता
Kaviraag
*मंजिल*
*मंजिल*
Priyank Upadhyay
कटी गर्दन तलवार के तेज धार से अनुराग के हत्यारे को फांसी दो फांसी दो।
कटी गर्दन तलवार के तेज धार से अनुराग के हत्यारे को फांसी दो फांसी दो।
Rj Anand Prajapati
फर्क सिर्फ माइंडसेट का होता है
फर्क सिर्फ माइंडसेट का होता है
Ritesh Deo
बूढ़ा बापू
बूढ़ा बापू
Madhu Shah
" CHINA: FROM PACIFIC OCEAN TO INDIAN OCEAN "
DrLakshman Jha Parimal
कभी हैं भगवा कभी तिरंगा देश का मान बढाया हैं
कभी हैं भगवा कभी तिरंगा देश का मान बढाया हैं
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
मैं इस दुनिया का सबसे बुरा और मुर्ख आदमी हूँ
मैं इस दुनिया का सबसे बुरा और मुर्ख आदमी हूँ
Jitendra kumar
राजनीति में आने से पहले जनकल्याण
राजनीति में आने से पहले जनकल्याण
Sonam Puneet Dubey
लेकिन क्यों ?
लेकिन क्यों ?
Dinesh Kumar Gangwar
"मुद्रा"
Dr. Kishan tandon kranti
" जिन्दगी के पल"
Yogendra Chaturwedi
बचाये रखना तुम प्रेम कुछ उन दिनों के लिए,
बचाये रखना तुम प्रेम कुछ उन दिनों के लिए,
पूर्वार्थ
स्त्री-धरा का आधार
स्त्री-धरा का आधार
Akash RC Sharma
जनाब नशे में हैं
जनाब नशे में हैं
डॉ. एकान्त नेगी
अमत्ता घनाक्षरी
अमत्ता घनाक्षरी
seema sharma
4706.*पूर्णिका*
4706.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जीवन की जटिलताओं को छोड़कर सरलता को अपनाना होगा।
जीवन की जटिलताओं को छोड़कर सरलता को अपनाना होगा।
Ajit Kumar "Karn"
आँगन पट गए (गीतिका )
आँगन पट गए (गीतिका )
Ravi Prakash
माँ की लाडो
माँ की लाडो
PRATIK JANGID
माँ जब भी दुआएं देती है
माँ जब भी दुआएं देती है
Bhupendra Rawat
रिश्ते
रिश्ते
Ashwani Kumar Jaiswal
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Loading...