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Dr. Kishan tandon kranti
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29 May 2024 · 1 min read
“मगर”
“मगर”
पंछी तो एक है मगर
बुने हुए हजारों हैं जाल,
चिकनी चुपड़ी पर न जा
कुछ तो काली है दाल।
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