Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2024 · 1 min read

आइना हूं

कभी लवों को तो कभी मुस्कुराहट बयान करता हूं,
कभी जुल्फों को तो कभी नैन नक्श बयां करता हूं|
कभी हंस देता हूं उनकी हंसी को देखकर
कभी उनके खूबसूरत अक्स को बयां करता हूं
मन जी मन उदास हो जाता हूं में खुद भी ,
जब उनकी उदासी को बयां करता हूं |
कभी टूटता कभी बिखरता
और कभी तोड़ दिया जाता हूं मैं
जब में उनकी बद्शक्ली को बयां करता हूं
मैं जानता नहीं, समझता नहीं, कुछ कहता भी नहीं
वो तोड़ते हैं अक्सर मुझे मैं आह तक भरता नहीं |
कमबख्त मेरे जिस्म के टूटने की आवाज
देती है गवाही मेरे रोने की
सबूत देती है मेरे गुनहगार होने की
मगर सच मानो मैं गुनहगार नहीं
हूं शिकार वक्त का और कुछ नहीं
आप ही कहिए मैने क्या गुनाह किया
उनके अक्स की हकीकत को बस बयां किया
और क्या कहूं अपने वजूद के बारे में
आइना हूं..हैं आइना हूं
सर से पांव तक आपके जिस्म को बयां करता हूं
मुझ जैसा आइना है एक आपके अंदर भी
कभी कभी कहते हैं आप उसे रूह भी
रूह के उस आईने में सबको झांककर देखो
और फिर मुझे भी उसमें आंककर देखो
तुम जन जाओगे मेरे वजूद को भी
मेरे जिस्म पर पड़े उन जख्मों को भी
और कहूं क्या अपना जिक्र क्या करूं
तुम तो देखते हो फकत एक ही चांद
मैं हर रोज ढेरों चांद देखता हूं
सुमंगल सिंह सिकरवार

1 Like · 105 Views

You may also like these posts

कैलेण्डर ...
कैलेण्डर ...
sushil sarna
आसान होती तो समझा लेते
आसान होती तो समझा लेते
रुचि शर्मा
3638.💐 *पूर्णिका* 💐
3638.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
व्यग्रता मित्र बनाने की जिस तरह निरंतर लोगों में  होती है पर
व्यग्रता मित्र बनाने की जिस तरह निरंतर लोगों में होती है पर
DrLakshman Jha Parimal
लेखाबंदी
लेखाबंदी
Deepali Kalra
* प्रेम पथ पर *
* प्रेम पथ पर *
surenderpal vaidya
मात पिता गुरु बंधुप्रिय, भाखहि झूठ पे झूठ।
मात पिता गुरु बंधुप्रिय, भाखहि झूठ पे झूठ।
Sanjay ' शून्य'
प्यासा_कबूतर
प्यासा_कबूतर
Shakil Alam
श्री राम के आदर्श
श्री राम के आदर्श
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जब प्यार सच्चा मिलता है तो,
जब प्यार सच्चा मिलता है तो,
रुपेश कुमार
गीत- तुझे देखा लगा ऐसा...
गीत- तुझे देखा लगा ऐसा...
आर.एस. 'प्रीतम'
"हद"
Dr. Kishan tandon kranti
मानवता
मानवता
Shyam Sundar Subramanian
उम्मीद की नाव
उम्मीद की नाव
Karuna Goswami
वाक़िफ़ नहीं है कोई
वाक़िफ़ नहीं है कोई
Dr fauzia Naseem shad
वक्त निकल जाने के बाद.....
वक्त निकल जाने के बाद.....
ओसमणी साहू 'ओश'
|नये शिल्प में रमेशराज की तेवरी
|नये शिल्प में रमेशराज की तेवरी
कवि रमेशराज
कर रहा हम्मास नरसंहार देखो।
कर रहा हम्मास नरसंहार देखो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
ग़ज़ल -1222 1222 122 मुफाईलुन मुफाईलुन फऊलुन
ग़ज़ल -1222 1222 122 मुफाईलुन मुफाईलुन फऊलुन
Neelam Sharma
*** बचपन : एक प्यारा पल....!!! ***
*** बचपन : एक प्यारा पल....!!! ***
VEDANTA PATEL
बात मेरे मन की
बात मेरे मन की
Sûrëkhâ
काटो की आवाज
काटो की आवाज
देवराज यादव
फिर से दोस्त बन जाते हम
फिर से दोस्त बन जाते हम
Seema gupta,Alwar
कत्थई गुलाब,,, शेष अंतिम
कत्थई गुलाब,,, शेष अंतिम
Shweta Soni
हमेशा अच्छे लोगों के संगत में रहा करो क्योंकि सुनार का कचरा
हमेशा अच्छे लोगों के संगत में रहा करो क्योंकि सुनार का कचरा
Ranjeet kumar patre
😟 काश ! इन पंक्तियों में आवाज़ होती 😟
😟 काश ! इन पंक्तियों में आवाज़ होती 😟
Shivkumar barman
वो कई बरस के बाद मिली थी मुझसे,
वो कई बरस के बाद मिली थी मुझसे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कागज़ ए जिंदगी
कागज़ ए जिंदगी
Neeraj Agarwal
मतलब
मतलब
Iamalpu9492
खो गया सपने में कोई,
खो गया सपने में कोई,
Mohan Pandey
Loading...