Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2024 · 1 min read

19. चमचे

चमचों का महत्त्व
कड़छी से अधिक क्यों ?
पूछा यह सवाल जब ,
तो उत्तर कुछ मिला यों ।
कड़छी का काम पकाने
और बरताने तक सीमित।
बाकि सभी काम चमचे के –
गिनाएं क्या? हैं असीमित,
चमचा मुंह में जा सकता है,
खाना खिला सकता है
जो मुंह से सीधा –
पेट तक
खाने संग घुस सकता है,
पेट में पहुंचकर चमचा –
बहुतों के राज छिपा सकता है
ज़रा सी गड़बड़ पर वह
आंतों को कुरेद सकता है।
भीतर ही भीतर से
खोखला कर न दे शरीर को
यही डर चमचे के महत्त्व को,
कड़छी से दुगुना कर देता है।
—–*******——-

79 Views
Books from Lalni Bhardwaj
View all

You may also like these posts

ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
उसे दिल से लगा लूँ ये गवारा हो नहीं सकता
उसे दिल से लगा लूँ ये गवारा हो नहीं सकता
अंसार एटवी
बुरा वक्त
बुरा वक्त
Naseeb Jinagal Koslia नसीब जीनागल कोसलिया
*जो जीता वही सिकंदर है*
*जो जीता वही सिकंदर है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
नदी जोड़ो का सपना
नदी जोड़ो का सपना
Dr. Kishan tandon kranti
समय
समय
Deepesh Dwivedi
मानव जीवन - संदेश
मानव जीवन - संदेश
Shyam Sundar Subramanian
शब्द
शब्द
Mahesh Jain 'Jyoti'
लिख रहे
लिख रहे
Kunal Kanth
जब लोग आपसे खफा होने
जब लोग आपसे खफा होने
Ranjeet kumar patre
* नदी की धार *
* नदी की धार *
surenderpal vaidya
कौवा (गीतिका)
कौवा (गीतिका)
Ravi Prakash
शैतान मन
शैतान मन
Rambali Mishra
దీపావళి కాంతులు..
దీపావళి కాంతులు..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
जाने क्यों तुमसे मिलकर भी
जाने क्यों तुमसे मिलकर भी
Sunil Suman
वीकेंड
वीकेंड
Mukesh Kumar Sonkar
जब जवानी में युवा और युवतियों को वासना की आग पूरे अंग अंग को
जब जवानी में युवा और युवतियों को वासना की आग पूरे अंग अंग को
Rj Anand Prajapati
इंतज़ार की रातें, लम्हों में ढूंढ रही हू प्यार,
इंतज़ार की रातें, लम्हों में ढूंढ रही हू प्यार,
Kanchan Alok Malu
सफर
सफर
Sneha Singh
हैं जो कुछ स्मृतियां वो आपके दिल संग का
हैं जो कुछ स्मृतियां वो आपके दिल संग का
दीपक झा रुद्रा
3725.💐 *पूर्णिका* 💐
3725.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
रामराज्य
रामराज्य
Suraj Mehra
ऐसे नहीं की दोस्ती,कुछ कायदा उसका भी था।
ऐसे नहीं की दोस्ती,कुछ कायदा उसका भी था।
Sunil Gupta
🙅आज का उपाय🙅
🙅आज का उपाय🙅
*प्रणय*
जिंदगी तो अब उसे ये पुष्प बेला सी लगी
जिंदगी तो अब उसे ये पुष्प बेला सी लगी
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
दीपोत्सव
दीपोत्सव
Arvina
बाघ संरक्षण
बाघ संरक्षण
Neeraj Agarwal
मूर्ख बताने वालो
मूर्ख बताने वालो
Dr.Pratibha Prakash
- तुझको नमन करता हु -
- तुझको नमन करता हु -
bharat gehlot
मनमर्जी की जिंदगी,
मनमर्जी की जिंदगी,
sushil sarna
Loading...