Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 May 2024 · 1 min read

,✍️फरेब:आस्तीन के सांप बन गए हो तुम…

आस्तीन के सांप बन गए हो तुम…
#देती होंगी मुर्गियां बांग शहर तुम्हारे … ज़मीर ना जगे तो जिंदा लाश हो तुम…

#लेती होंगी खुशीयां बालाएं तुम्हारे …किसी की हर दुःख वजह हो तुम…
#मिलती रहेंगी कई सखीयां तुम्हे …किसी की हमदर्द ना बन सको “जाया”…. हो तुम…
#होगी कई खूबियां तुम.में . …. पर .. फरेबी.. में लाजवाब हो तुम…✍️
# उठती रही कई उंगलीयां ..
किसी “मासूम” किरदार पे…… शामिल हो उनमें …..आस्तीन के सांप बन गए हो तुम…
पं अंजू पांडेय “अश्रु”✍️

1 Like · 108 Views

You may also like these posts

4655.*पूर्णिका*
4655.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हिसाब हुआ जब संपत्ति का मैंने अपने हिस्से में किताबें मांग ल
हिसाब हुआ जब संपत्ति का मैंने अपने हिस्से में किताबें मांग ल
Lokesh Sharma
कभी कभी सच्चाई भी भ्रम सी लगती हैं
कभी कभी सच्चाई भी भ्रम सी लगती हैं
ruby kumari
यही रात अंतिम यही रात भारी।
यही रात अंतिम यही रात भारी।
Kumar Kalhans
खुदीराम बोस की शहादत का अपमान
खुदीराम बोस की शहादत का अपमान
कवि रमेशराज
जैसा सोचा था वैसे ही मिला मुझे मे बेहतर की तलाश मे था और मुझ
जैसा सोचा था वैसे ही मिला मुझे मे बेहतर की तलाश मे था और मुझ
Ranjeet kumar patre
निश्छल प्रेम के बदले वंचना
निश्छल प्रेम के बदले वंचना
Koमल कुmari
प्राकृतिक सौंदर्य
प्राकृतिक सौंदर्य
Neeraj Agarwal
अधूरापन
अधूरापन
Dr. Rajeev Jain
कुछ खोये बिना हमने पाया है, कुछ मांगे बिना हमें मिला है, नाज
कुछ खोये बिना हमने पाया है, कुछ मांगे बिना हमें मिला है, नाज
Vishal Prajapati
"अभिमान और सम्मान"
Dr. Kishan tandon kranti
यदि मैं अंधभक्त हूँ तो, तू भी अंधभक्त है
यदि मैं अंधभक्त हूँ तो, तू भी अंधभक्त है
gurudeenverma198
विकास की बाट जोहता एक सरोवर।
विकास की बाट जोहता एक सरोवर।
श्रीकृष्ण शुक्ल
स्नेह का बंधन
स्नेह का बंधन
Dr.Priya Soni Khare
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
दोहा समीक्षा- राजीव नामदेव राना लिधौरी
दोहा समीक्षा- राजीव नामदेव राना लिधौरी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
,,
,,
Sonit Parjapati
बोझिल सांसों का कहर ,
बोझिल सांसों का कहर ,
पं अंजू पांडेय अश्रु
मैं और मांझी
मैं और मांझी
Saraswati Bajpai
"समझदार लोग किसी की ईंट के बदले पत्थर नहीं फेंकते। ईंटों को
*प्रणय*
आंसू
आंसू
sheema anmol
आज बहुत उदास है दिल
आज बहुत उदास है दिल
Shekhar Chandra Mitra
वक्त
वक्त
Dinesh Kumar Gangwar
ऊँचाई .....
ऊँचाई .....
sushil sarna
तुम अपने माता से,
तुम अपने माता से,
Bindesh kumar jha
हम कुछ इस तरह समाए हैं उसकी पहली नज़र में,
हम कुछ इस तरह समाए हैं उसकी पहली नज़र में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
देखिए अगर आज मंहगाई का ओलंपिक हो तो
देखिए अगर आज मंहगाई का ओलंपिक हो तो
शेखर सिंह
दुर्घटनाएं
दुर्घटनाएं
ललकार भारद्वाज
*सूरज ने क्या पता कहॉ पर, सारी रात बिताई (हिंदी गजल)*
*सूरज ने क्या पता कहॉ पर, सारी रात बिताई (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
जुबान
जुबान
अखिलेश 'अखिल'
Loading...