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16 May 2024 · 1 min read

जिसको भी चाहा तुमने साथी बनाना

जिसको भी चाहा तुमने साथी बनाना, मुकुर गया वो तुमसे।
मिलाया नहीं हाथ किसी ने तुमसे।।—————–(2)
जिसको भी चाहा तुमने ———————-।।

एक था वो जिसने जाना नहीं कभी।
मेरे बारे में उसने सोचा नहीं कभी।।
चाहता नहीं था वो बात करना।
उठाया नहीं कभी परदा दिल से।।———–(2)
जिसको भी चाहा तुमने ——————–।।

और वो तो खेला जीभरकै दिल से।
बनाया दीवाना हमको अपने हुस्न से।।
उसको मिल गया कोई हमसे बेहतर।
छुड़ा लिया दामन उसने भी हमसे।।————-(2)
जिसको भी चाहा तुमने ———————।।

अब ऐसी सूरत से पायेंगे क्या हम।
होंगे नहीं इससे बर्बाद क्या हम।।
मतलब है इसको सिर्फ पैसों से।
मतलब नहीं इसको मेरे इस दिल से।।————(2)
जिसको भी चाहा तुमने ———————-।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
109 Views

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