Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2024 · 1 min read

नारी

हे नारी, तू कितनी भोली

तू कितनी न्यारी है।

रणचण्डी काली होकर भी,

तू जग को प्यारी है।।

रूप अनेकों है तेरे,

तू प्रेम की मूरत है ।

सौ बार नमन मन हे शक्ति, स्वरूपा
तू जग की महतारी है।।

तू सीता है तू राधा है,

तू सावित्री, तू मीरा है।

सबला होकर बन गई अबला

तू सब की हितकारी है ।।

तू ही जननी तू ही सहोदरी,

संग सहचरी बन चलती है।
पीड़ा सहती ऊफ न करती
हे नारी तू अवतारी है।।

जय प्रकाश श्रीवास्तव” पूनम”

169 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Jai Prakash Srivastav
View all

You may also like these posts

तारे बुझ गये फिर भी
तारे बुझ गये फिर भी
अर्चना मुकेश मेहता
जब  तेरा  ये मन  शुद्ध होगा।
जब तेरा ये मन शुद्ध होगा।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
A piece of land can make a person the straw of everyone's ey
A piece of land can make a person the straw of everyone's ey
VINOD CHAUHAN
An old man !
An old man !
Buddha Prakash
.
.
हिमांशु Kulshrestha
निज़ाम
निज़ाम
अखिलेश 'अखिल'
*रामपुर के गौरवशाली व्यक्तित्व*
*रामपुर के गौरवशाली व्यक्तित्व*
Ravi Prakash
सात रंगों से सजी संवरी हैं ये ज़िंदगी,
सात रंगों से सजी संवरी हैं ये ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हार से भी जीत जाना सीख ले।
हार से भी जीत जाना सीख ले।
सत्य कुमार प्रेमी
मातृभाषा हिंदी
मातृभाषा हिंदी
Nitesh Shah
भावो का भूखा
भावो का भूखा
ललकार भारद्वाज
अपने कदमों को बढ़ाती हूँ तो जल जाती हूँ
अपने कदमों को बढ़ाती हूँ तो जल जाती हूँ
SHAMA PARVEEN
राखी(विधाता छंद)
राखी(विधाता छंद)
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
*अशोक वाटिका*
*अशोक वाटिका*
डा0 निधि श्रीवास्तव "सरोद"
DR Arun Kumar shastri
DR Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ये करुणा भी कितनी प्रणय है....!
ये करुणा भी कितनी प्रणय है....!
Kunwar kunwar sarvendra vikram singh
चचहरा
चचहरा
कुमार अविनाश 'केसर'
रातों में कभी आसमान की ओर देखना मेरी याद आएगी।
रातों में कभी आसमान की ओर देखना मेरी याद आएगी।
Rj Anand Prajapati
नए पुराने रूटीन के याचक
नए पुराने रूटीन के याचक
Dr MusafiR BaithA
तुम मानव नहीं हो!
तुम मानव नहीं हो!
आलोक कौशिक
पल पल दिल के पास तुम रहती हो
पल पल दिल के पास तुम रहती हो
Johnny Ahmed 'क़ैस'
*वो मेरी मांँ है*
*वो मेरी मांँ है*
Dushyant Kumar
"बताया नहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
गणित की ख़ोज
गणित की ख़ोज
Dr. Vaishali Verma
*Blessings*
*Blessings*
Veneeta Narula
जब ‘नानक’ काबा की तरफ पैर करके सोये
जब ‘नानक’ काबा की तरफ पैर करके सोये
कवि रमेशराज
बदलते इंसानों की बात हमसे ना पूछो,
बदलते इंसानों की बात हमसे ना पूछो,
Ranjeet kumar patre
हमारा दिल।
हमारा दिल।
Taj Mohammad
क्षणिका
क्षणिका
sushil sarna
प्रकृति हमारा आधार
प्रकृति हमारा आधार
Sudhir srivastava
Loading...