Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2024 · 1 min read

एक मजदूर ने सिखाया

एक मजदूर ने सिखाया

एक मजदूर ने सिखाया मुझकों,
हुनर को तराशना।
एक मजदूर ने सिखाया मुझकों,
गरीबी में पलना।
हां वह मजदूर है जिसके हाथों,
की लकीरों में दिखती है,
माथे की शिकन।
एक मजदूर ने सिखाया है,
कर्म ही पूजा है।
एक मजदूर की कीमत,
उसे खरीदने वाले ने न जानी।
धन दौलत और शान ओ शौकत में,
बैठे हुए क्या जाने
मजदूर के पांव की चुभन,
उनके कांटों भरे डगर ही,
उनके लिए होते हैं सुहाने सफर।
मजदूर के बिना यह जग है सूना।
जाने अनजाने में,
उनका हक है छिना।
एक मई समर्पित है मजदूर दिवस को,
पर हर एक दिन,
समर्पित है उनके श्रम को।

रचनाकार
कृष्णा मानसी
(मंजू लता मेरसा)
बिलासपुर, (छत्तीसगढ़)

Language: Hindi
1 Like · 108 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Krishna Manshi (Manju Lata Mersa)
View all

You may also like these posts

न रोको यूँ हवाओं को ...
न रोको यूँ हवाओं को ...
Sunil Suman
किसी को हमारे और हमे,
किसी को हमारे और हमे,
Basant kachhi
"दयानत" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
सदविचार
सदविचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
एक गल्ती ने सांवरे की, नजरों से गिरा दिया।
एक गल्ती ने सांवरे की, नजरों से गिरा दिया।
श्याम सांवरा
जन्मदिन को खास बनाएं
जन्मदिन को खास बनाएं
Sudhir srivastava
कर
कर
Neelam Sharma
दीवाली विशेष कविता
दीवाली विशेष कविता
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
काम, क्रोध, मोह साथ ना छोड़े
काम, क्रोध, मोह साथ ना छोड़े
Kamla Prakash
मैं एक पल हूँ
मैं एक पल हूँ
Swami Ganganiya
ग्वालियर की बात
ग्वालियर की बात
पूर्वार्थ
संस्मरण:भगवान स्वरूप सक्सेना
संस्मरण:भगवान स्वरूप सक्सेना "मुसाफिर"
Ravi Prakash
बिंदी🔴
बिंदी🔴
Dr. Vaishali Verma
" सब किमे बदलग्या "
Dr Meenu Poonia
हो हमारी या तुम्हारी चल रही है जिंदगी।
हो हमारी या तुम्हारी चल रही है जिंदगी।
सत्य कुमार प्रेमी
14. आवारा
14. आवारा
Rajeev Dutta
रास्तों को भी गुमनाम राहों का पता नहीं था, फिर भी...
रास्तों को भी गुमनाम राहों का पता नहीं था, फिर भी...
manjula chauhan
नदी से तकल्लुफ़ ना करो वो तो हमेशा प्यास बुझाती है।
नदी से तकल्लुफ़ ना करो वो तो हमेशा प्यास बुझाती है।
Madhu Gupta "अपराजिता"
My Guardian Angel!
My Guardian Angel!
R. H. SRIDEVI
क्या इश्क करना है जालिम ज़माने से ,
क्या इश्क करना है जालिम ज़माने से ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
मेरे इन लबों पे तेरा नाम
मेरे इन लबों पे तेरा नाम
gurudeenverma198
متفررق اشعار
متفررق اشعار
अरशद रसूल बदायूंनी
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पं. टोटकेश्वर (टोने वाले) को इत्ती सी अक़्क़ल तो होनी चाहिए कि
पं. टोटकेश्वर (टोने वाले) को इत्ती सी अक़्क़ल तो होनी चाहिए कि
*प्रणय प्रभात*
ना कल की फिकर
ना कल की फिकर
Kanchan Alok Malu
शहीदो की पुकार
शहीदो की पुकार
Mukund Patil
आप कौन है, आप शरीर है या शरीर में जो बैठा है वो
आप कौन है, आप शरीर है या शरीर में जो बैठा है वो
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
जय श्री राम
जय श्री राम
Indu Singh
कौन कहता है सुंदर नहीं हो तुम,
कौन कहता है सुंदर नहीं हो तुम,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कवि और केंकड़ा
कवि और केंकड़ा
guru saxena
Loading...