ग़म का लम्हा, तन्हा गुज़ारा किजिए "ओश"
ये लम्हा लम्हा तेरा इंतज़ार सताता है ।
#रामपुर_के_इतिहास_का_स्वर्णिम_पृष्ठ :
आज के वक्त में भागकर या लड़कर शादी करना कोई मुश्किल या बहा
फिर से अजनबी बना गए जो तुम
कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'