महफ़िल मे किसी ने नाम लिया वर्ल्ड कप का,
चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गाएं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
********** आजादी के दोहे ************
कैसी दुनिया है की जी भी रहे है और जीने के लिए मर भी रहे है । क्या अजब लीला है तेरी की जो खो रहे ह, आखिर वही पा रहे
पधारो मेरे राम बन्ना, पधारो सा….
कुछ खामोशियाँ तुम ले आना।
अक्स आंखों में तेरी है प्यार है जज्बात में। हर तरफ है जिक्र में तू,हर ज़ुबां की बात में।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD