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8 Apr 2024 · 1 min read

बाग़ी

हां, बाग़ी हूं मैं
इंकलाबी हूं मैं
सच कहने-सुनने
का आदी हूं मैं…
(१)
अब जैसा भी हूं
और जितना भी हूं
अपने आपसे
पूरा राज़ी हूं मैं…
(२)
अंज़ाम इसका
चाहे जो भी हो
ख़ुद पर खेली
हुई बाज़ी हूं मैं…
(३)
झूठे ख़ुदाओं से
मुझे क्या लेना
अपने लिए एक-
दम काफ़ी हूं मैं…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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