Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Mar 2024 · 1 min read

बेतरतीब

जैसे सुदूर जंगलों में
रहने वाले लोग,
अपनी मर्जी से
बहने वाली नदियाँ,
खेत के मेढ़ों में उगे
टेढ़े-मेढ़े पेड़,
बाड़ी से लाई गई
बेतरतीब रखी सब्जियाँ,
गॉंव के सकरे रास्ते
जिसमें गुजर गई सदियाँ।

हमेशा सरल वो सीधे
सच्चे और अच्छे होते हैं,
तभी तो देहात के लोग
बड़े मजे से
एकदम बिन्दास जीते हैं।

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
अमेरिकन एक्सीलेंट अवार्ड प्राप्त।

Language: Hindi
3 Likes · 3 Comments · 149 Views
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

सब डरें इंसाफ से अब, कौन सच्चाई कहेगा।
सब डरें इंसाफ से अब, कौन सच्चाई कहेगा।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मैं तुमको जी भर प्यार करूँ,
मैं तुमको जी भर प्यार करूँ,
Shweta Soni
पितृ दिवस
पितृ दिवस
Ram Krishan Rastogi
"ढंग से मरने के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
दोहा त्रयी. . .
दोहा त्रयी. . .
sushil sarna
दिल में कोई कसक-सी
दिल में कोई कसक-सी
Dr. Sunita Singh
मेरे राम
मेरे राम
Sudhir srivastava
हैं दुनिया में बहुत से लोग इश्क़ करने के लिए,
हैं दुनिया में बहुत से लोग इश्क़ करने के लिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बरसों बरस बाद प्रियतम के
बरसों बरस बाद प्रियतम के
Mahesh Tiwari 'Ayan'
दृढ़
दृढ़
Sanjay ' शून्य'
Miss u mummy...
Miss u mummy...
Priya princess panwar
सब्र की मत छोड़ना पतवार।
सब्र की मत छोड़ना पतवार।
Anil Mishra Prahari
मुझे ज़िंदगी में उन लफ्जों ने मारा जिसमें मैं रत था।
मुझे ज़िंदगी में उन लफ्जों ने मारा जिसमें मैं रत था।
Rj Anand Prajapati
तेरी याद में
तेरी याद में
Chitra Bisht
*रवि प्रकाश की हिंदी गजलें* शीर्षक से एक पुस्तक प्रकाशित करन
*रवि प्रकाश की हिंदी गजलें* शीर्षक से एक पुस्तक प्रकाशित करन
Ravi Prakash
..
..
*प्रणय*
फितरत आपकी जैसी भी हो
फितरत आपकी जैसी भी हो
Arjun Bhaskar
कतरनों सा बिखरा हुआ, तन यहां
कतरनों सा बिखरा हुआ, तन यहां
Pramila sultan
दुख तब नहीं लगता
दुख तब नहीं लगता
Harminder Kaur
नट का खेल
नट का खेल
C S Santoshi
कि तुम मिलो तो सही...
कि तुम मिलो तो सही...
पूर्वार्थ
None Other Than My Mother
None Other Than My Mother
VINOD CHAUHAN
दु:ख का रोना मत रोना कभी किसी के सामने क्योंकि लोग अफसोस नही
दु:ख का रोना मत रोना कभी किसी के सामने क्योंकि लोग अफसोस नही
Ranjeet kumar patre
I dreamt of the night we danced beneath the moon’s tender li
I dreamt of the night we danced beneath the moon’s tender li
Manisha Manjari
तेरे उल्फत की नदी पर मैंने यूंँ साहिल रखा।
तेरे उल्फत की नदी पर मैंने यूंँ साहिल रखा।
दीपक झा रुद्रा
Love
Love
Sanjay Narayan
सारंग-कुंडलियाँ की समीक्षा
सारंग-कुंडलियाँ की समीक्षा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
खता तो हुई है ...
खता तो हुई है ...
Sunil Suman
उमंग
उमंग
Akash Yadav
Loading...