"सादगी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जल रहे अज्ञान बनकर, कहेें मैं शुभ सीख हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
* वक्त ही वक्त तन में रक्त था *
जीवन है बस आँखों की पूँजी
सपने ना बंद आँखो में है ,
*** सफलता की चाह में......! ***
आप लगाया न करो अपने होंठो पर लिपिस्टिक।
लोवर टी शर्ट पहिन खेल तारी गोली
दोस्त जीवन में मिल ही जाते हैं।
वो ठहरे गणित के विद्यार्थी
समंदर है मेरे भीतर मगर आंख से नहींबहता।।
24. *मेरी बेटी को मेरा संदेश*
*धन्य करें इस जीवन को हम, चलें अयोध्या धाम (गीत)*
मरूधर रा मिनखं
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
अगर "स्टैच्यू" कह के रोक लेते समय को ........