Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Mar 2024 · 1 min read

बदनसीब लाइका ( अंतरिक्ष पर भेजी जाने वाला पशु )

मासूम सी लाइका,
अनजान थी ।
सड़क पर घूमना ,जीना मरना,
सड़क छाप उसकी पहचान थी ।
ले गया उसे एक व्यक्ति ,
अचानक सड़क से उठाकर ,
इस तरह क्यों ? सोचकर हैरान थी ।
ले जाकर उसे अपने घर,
अच्छा खिलाया पिलाया ,उसकी सेवा की ,
जैसे वो उसकी बनी जान थी ।
कुछ समय बाद उस को कुछ प्रशिक्षण दिए गए,
जिनको करते हुए वो हुई परेशान थी ।
फिर एक दिन ऐसा आया,
उसे बिठाया गया विशेष यान में ।
भेजने को अंतरिक्ष की अंतहीन यात्रा हेतु ,
जिसके सफर से वो बिल्कुल अंजान थी ।
वो कुछ समझ भी न पाई ,
जैसा वो उन अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के हाथ का खिलौना थी।
बिठा दिया दम घोटू यान में,
जिसमें बैठने पर हो रही असहज थी ।
कुछ दिन अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष पर चक्कर काटता रहा ,
और वो अपने आप से जूझती रही ।
जीवन और मृत्यु के बीच ,
बेचारी कुत्तिया झूलती रही ।
आखिर कब तक लड़ती अपने दुर्भाग्य से,
आखिर एक दिन उसकी श्वासों की डोरी टूट गई ।
और फिर बेचारी ,असहाय पशु ,
अंतरिक्ष यान के साथ ही टूट कर अंतरिक्ष में ही खो गई ।
हाय री भोली लाइका!
तू स्वार्थी मानवों के अमानवीय कृत्य के भेंट चढ़ गई ।
प्रयोग के नाम पर की गई हत्या की शिकार हो गई ।
अब जान गंवाकर समझ आया तुझे ,
तू उनके लिए जीव नहीं ,मात्र एक घृणित अभियान थी ।

Language: Hindi
233 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all

You may also like these posts

4552.*पूर्णिका*
4552.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सपनों वाली लड़की
सपनों वाली लड़की
Shekhar Chandra Mitra
वंदे मातरम
वंदे मातरम
Deepesh Dwivedi
नमन उस वीर को शत-शत...
नमन उस वीर को शत-शत...
डॉ.सीमा अग्रवाल
माहिया - डी के निवातिया
माहिया - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
"ऊपर वाले को बेवकूफ समझते हैं लोग ll
पूर्वार्थ
धर्मसंकट / मुसाफिर बैठा
धर्मसंकट / मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
चिन्ता कब परिवार की,
चिन्ता कब परिवार की,
sushil sarna
प्वाइंट
प्वाइंट
श्याम सांवरा
मीठी वाणी
मीठी वाणी
Kavita Chouhan
तपकर
तपकर
manjula chauhan
एक देशभक्त की अभिलाषा
एक देशभक्त की अभिलाषा
Sarla Mehta
हां मैं कुंभ हो आई.....
हां मैं कुंभ हो आई.....
पं अंजू पांडेय अश्रु
मुझे इस बात पर कोई शर्म नहीं कि मेरे पास कोई सम्मान नहीं।
मुझे इस बात पर कोई शर्म नहीं कि मेरे पास कोई सम्मान नहीं।
*प्रणय प्रभात*
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
वो छोटी सी चोट पे पूरा घर सिर पे उठाने वाली लड़की...
वो छोटी सी चोट पे पूरा घर सिर पे उठाने वाली लड़की...
Kajal Singh
अंदाज़े शायरी
अंदाज़े शायरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जीत
जीत
Ahtesham Ahmad
भ्रष्टाचार की राह आसान है
भ्रष्टाचार की राह आसान है
Acharya Shilak Ram
Kahi Kinara Nahi
Kahi Kinara Nahi
Vivek Kumar Yadav
तुम जो रूठे किनारा मिलेगा कहां
तुम जो रूठे किनारा मिलेगा कहां
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
आदतें
आदतें
Sanjay ' शून्य'
मौलिक विचार
मौलिक विचार
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
पल दो पल की शोहरतें भी तमाशे जैसी है,
पल दो पल की शोहरतें भी तमाशे जैसी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*माँ जगत जननी*
*माँ जगत जननी*
Vedkanti bhaskar
जलहरण घनाक्षरी
जलहरण घनाक्षरी
Rambali Mishra
हुरियारे
हुरियारे
विवेक दुबे "निश्चल"
*पाई जग में आयु है, सबने सौ-सौ वर्ष (कुंडलिया)*
*पाई जग में आयु है, सबने सौ-सौ वर्ष (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हाँ, मुझको तुमसे इतना प्यार है
हाँ, मुझको तुमसे इतना प्यार है
gurudeenverma198
Loading...