Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Mar 2024 · 1 min read

मैं भी क्यों रखूं मतलब उनसे

मैं भी रखूं क्यों मतलब उनसे।
उनको नहीं जब मतलब मुझसे।।
कभी हाल मेरा नहीं पूछते वो।
क्यों हाल जानूँ अब मैं भी उनसे।।
मैं भी रखूं क्यों मतलब —————–।।

फुरसत कभी उनको मिलती तो होगी।
करते नहीं क्यों वो याद मुझको।।
शायद उनके दिल में कोई शक है।
इसीलिए वो नहीं मिलते मुझको।।
हो गया मैं भी अब उनके जैसा।
रखता हूँ दूरी अब मैं भी उनसे।।
मैं भी रखूं क्यों मतलब —————–।।

अपना अगर वो मुझको समझते।
चलता नहीं मैं उनसे अलग राह।।
रखते लगाकर अगर मुझको दिल से।
नहीं छोड़ता मैं कभी उनकी बाँह।।
बचते हैं मुझसे वो मिलने से अब।
चाहता नहीं बात करना मैं उनसे।।
मैं भी रखूं क्यों मतलब ——————।।

बताते नहीं क्यों गुनाह मेरा क्या है।
क्यों डरते हैं वो सच से इतना।।
या तो कमी कुछ होगी उनमें।
नहीं तो बताते वो मुझको अपना।।
नाराज जब वो रहते हैं मुझसे।
नहीं मांगूगा मैं मदद कभी उनसे।।
मैं भी रखूं क्यों मतलब —————-।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
213 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

पानीपुरी (व्यंग्य)
पानीपुरी (व्यंग्य)
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
माँ
माँ
sheema anmol
एक खिलता गुलाब है बेटी
एक खिलता गुलाब है बेटी
पंकज परिंदा
सुप्त तरुण निज मातृभूमि को हीन बनाकर के विभेद दें।
सुप्त तरुण निज मातृभूमि को हीन बनाकर के विभेद दें।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
*Awakening of dreams*
*Awakening of dreams*
Poonam Matia
3940.💐 *पूर्णिका* 💐
3940.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"ज्ञानी प्रजा,नादान राजा"
कवि अनिल कुमार पँचोली
পুণর্যাত্ৰা
পুণর্যাত্ৰা
Pijush Kanti Das
माँ मेरी जान
माँ मेरी जान
डिजेन्द्र कुर्रे
वो मुज़्दा भी एक नया ख़्वाब दिखाती है,
वो मुज़्दा भी एक नया ख़्वाब दिखाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Chahat
Chahat
anurag Azamgarh
सजल
सजल
seema sharma
तू जो कह दे
तू जो कह दे
Ruchika Rai
प्यारी सी चिड़िया
प्यारी सी चिड़िया
Dr. Mulla Adam Ali
*नव वर्ष (मुक्तक)*
*नव वर्ष (मुक्तक)*
Ravi Prakash
किसी के टुकड़े पर पलने से अच्छा है खुद की ठोकरें खाईं जाए।
किसी के टुकड़े पर पलने से अच्छा है खुद की ठोकरें खाईं जाए।
Rj Anand Prajapati
भूल
भूल
Khajan Singh Nain
दर्द देते हैं वो रिश्ते जो भेंट चढ़ जाते हैं अहम की, जहाँ एह
दर्द देते हैं वो रिश्ते जो भेंट चढ़ जाते हैं अहम की, जहाँ एह
Dr fauzia Naseem shad
" कोपर "
Dr. Kishan tandon kranti
बुन्देली दोहा - चिरैया
बुन्देली दोहा - चिरैया
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
प्रेम का उत्तर
प्रेम का उत्तर
Rahul Singh
बहुत ज्यादा करीब आना भी एक परेशानी का सबब है।
बहुत ज्यादा करीब आना भी एक परेशानी का सबब है।
अश्विनी (विप्र)
लीकतोड़ ग़ज़ल
लीकतोड़ ग़ज़ल
Dr MusafiR BaithA
चौराहे पर लुट गया चीर
चौराहे पर लुट गया चीर
संजय निराला
..
..
*प्रणय प्रभात*
बस यूं ही कुछ हो गया था।
बस यूं ही कुछ हो गया था।
Kumar Kalhans
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - २)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - २)
Kanchan Khanna
जिनके चेहरे की चमक के लिए,
जिनके चेहरे की चमक के लिए,
श्याम सांवरा
उम्मीद
उम्मीद
Sudhir srivastava
"रिश्ते के आइने चटक रहे हैं ll
पूर्वार्थ
Loading...