Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
29 Feb 2024 · 1 min read

अबके रंग लगाना है

अबके रंग लगाना है
——————————–
होली के दिन, चुपके से तुम
पास मेरे जब आते हो।
और हौले से , गाल को मेरे
लाल-हरा कर जाते हो
तब मेरा मन भी कुछ तुमको
रंगने को ललचाता है
पर घबराकर और सकुचाकर
कुछ भी न कर पाता है|
आने दो होली को फिर से
अबके रंग लगाना है
सतरंगी रंगों से तेरे
जीवन को रंग जाना है
——————————-
डॉ. रीतेश कुमार खरे “सत्य”
🙏🏻🙏🏻

Loading...