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16 Jul 2024 · 1 min read

या खुदा तूने मुझे ये कैसा मंजर दिखाया है,

या खुदा तूने मुझे ये कैसा मंजर दिखाया है,
जो मिलने आया मुझसे वो साथ अपने खंजर लाया है।

वार करते हैं सब पीछे से ही आकर,
किसकी इतनी हिम्मत जो सामने आया है।

वाकिफ हैं हम लोगों की फितरत से बखूब,
सबने पीठ पीछे बुराई करके हमसे हाथ मिलाया है।

तेरी दुनिया का ये दस्तूर भी गज़ब है मौला,
नेकी की राह पर चलने वालों ने हमेशा जख्म ही खाया है।

लोगों को अपनी खामियां दिखती नहीं,
हर किसी ने दूसरों के फटे में टांग अड़ाया है।

जो कहते हैं हमको अपना इतने प्यार से,
उन्होंने ही महफिल में हमारा मज़ाक उड़ाया है।

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