Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
26 Feb 2024 · 1 min read

- शायद ऐसा ही होता -

– शायद ऐसा ही होता –
में जिसको दिल से चाहता ,
वो भी मुझे दिल से ही चाहता,
में जिसके लिए अपने आपको समर्पण कर दू,
काश वो भी मुझे अपने आपको समर्पण कर पाता,
जिसको पाने के लिए में पल – पल तरसता रहा,
शायद वो भी मुझे पाने का अपने मन में ख्याल लाता,
एक जिंदगी काटी मेने जिनकी ख्वाईशो और खुशियों के लिए,
शायद वो भी मेरे लिए कुछ क्षण काट पाता,
गहलोत जिसे तू दिल से है अपना है मानता,
शायद भरत वो भी तुझे दिल से अपना मानता,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान

Loading...