प्यासा के कुंडलियां (pyasa ke kundalian) pyasa
लौ मुहब्बत की जलाना चाहता हूँ..!
अपने देश की अलग एक पहचान है,
प्रकृति इस कदर खफा हैं इंसान से
जीने दो मुझे अपने वसूलों पर
दिल लगाया भी कहीं तो हुआ क्या
करतीं पूजा नारियाँ, पावन छठ त्योहार
करें स्वागत सभी का हम जो जुड़कर बन गए अपने
अब हमारे देश में "नाबालिग़" का मतलब है "लाइसेंस होल्डर क्रिमि
साहित्य में बढ़ता व्यवसायीकरण
इश्क़ गुलाबों की महक है, कसौटियों की दांव है,
*अच्छी बातें जो सीखी हैं, ऋषि-मुनियों की बतलाई हैं (राधेश्या