*हर पल मौत का डर सताने लगा है*
बड़ी देर तक मुझे देखता है वो,
दुनिया का सबसे बड़ा पुण्य का काम किसी के चेहरे पर मुस्कान ला
मैं जब भी चाहूंगा आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है।
किया आहाँ गीत गाबैत छी ? जतय कमेंट करबा क अछि !
आप केवल सही या केवल गलत नहीं होते हैं. अक्सर आप दोनों एक साथ
वाणी
Vishnu Prasad 'panchotiya'
प्रेम
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
मानने लगें स्वार्थ को प्रमुख
ज़िंदगी में एक बार रोना भी जरूरी है
पराया दर्द
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"