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15 Feb 2024 · 1 min read

माँ सरस्वती

वीणावादिनि ज्ञान की देवी
अपनी करुणा बरसा देना
बुद्धि विवेक और सद्बुद्धि का
ज्ञान हममें तु जगा देना

निर्मल मन हो वाणी सुंदर
हृदय में बस प्रेम भरा हो
क्षल कपट तृष्णा से हो दूर
जीवन तेरी भक्ति में रमा हो

वंदन है तुझको माँ
मेरा अभिनंदन है
चरणों में तेरे शीश झुके
तुझको शत-शत् नमन है

लेखनी को तु धार दे माँ
जग में ऐसा नाम दे माँ
साहित्य का उपहार देके
जीवन को एक पहचान दे माँ

ममता रानी

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