Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Feb 2024 · 1 min read

व्रत

व्रत रखना है
ईश्वर को याद रखने का

व्रत है शब्दो की गरीमा को
बचाये रखने की ,,,,,,,,

व्रत है अहसासो को
समेटने का ,,,,,,

व्रत है अपने आप को
न बिखरने का ,,,,,

व्रत है मूक रहकर
अपने आप को पेश करने का

व्रत है कायनात के
गुणो को धारण करना

व्रत है जीव निर्जीव को
नियमो से टूटने न देना

व्रत है आँखो की
दिव्यता को महसुस करना

व्रत है जो महसुस व अहसास है
उनको कलमबद्ध करना

शीमा व्रत है तेरा अपने आने के
उद्देश्य को हमेशा याद रखना

Language: Hindi
3 Likes · 124 Views
Books from sheema anmol
View all

You may also like these posts

जग अंधियारा मिट रहा, उम्मीदों के संग l
जग अंधियारा मिट रहा, उम्मीदों के संग l
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
ये और मैं
ये और मैं
Sakhi
मौहब्बत को ख़ाक समझकर ओढ़ने आयी है ।
मौहब्बत को ख़ाक समझकर ओढ़ने आयी है ।
Phool gufran
मिलता है...
मिलता है...
ओंकार मिश्र
बहार...
बहार...
sushil sarna
अंतर्मन विवशता के भवर में है फसा
अंतर्मन विवशता के भवर में है फसा
सुरेश ठकरेले "हीरा तनुज"
मुक्तक __
मुक्तक __
Neelofar Khan
मिलते नहीं ख्यालात मेरे
मिलते नहीं ख्यालात मेरे
Namita Gupta
ये रात है जो तारे की चमक बिखरी हुई सी
ये रात है जो तारे की चमक बिखरी हुई सी
Befikr Lafz
आपने खो दिया अगर खुद को
आपने खो दिया अगर खुद को
Dr fauzia Naseem shad
*** भूख इक टूकड़े की ,कुत्ते की इच्छा***
*** भूख इक टूकड़े की ,कुत्ते की इच्छा***
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
अतीत याद आता है
अतीत याद आता है
Sumangal Singh Sikarwar
भाषा और बोली में वहीं अंतर है जितना कि समन्दर और तालाब में ह
भाषा और बोली में वहीं अंतर है जितना कि समन्दर और तालाब में ह
Rj Anand Prajapati
जिन अल्फाज़ो को, आवाज नहीं दे सकते।
जिन अल्फाज़ो को, आवाज नहीं दे सकते।
श्याम सांवरा
मित्रता
मित्रता
Rambali Mishra
नारी शक्ति
नारी शक्ति
लक्ष्मी सिंह
आप वक्त को थोड़ा वक्त दीजिए वह आपका वक्त बदल देगा ।।
आप वक्त को थोड़ा वक्त दीजिए वह आपका वक्त बदल देगा ।।
Lokesh Sharma
"फेसबूक के मूक दोस्त"
DrLakshman Jha Parimal
तू ही हमसफर, तू ही रास्ता, तू ही मेरी मंजिल है,
तू ही हमसफर, तू ही रास्ता, तू ही मेरी मंजिल है,
Rajesh Kumar Arjun
विनती
विनती
Mahesh Jain 'Jyoti'
"अक्सर बहुत जल्दी कर देता हूंँ ll
पूर्वार्थ
4397.*पूर्णिका*
4397.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"आओ दीपावली मनाएँ"
Dr. Kishan tandon kranti
हमे कोई नहीं समझ पाया है
हमे कोई नहीं समझ पाया है
Jyoti Roshni
चिंता, फ़िक्र, कद्र और परवाह यही तो प्यार है,
चिंता, फ़िक्र, कद्र और परवाह यही तो प्यार है,
Ajit Kumar "Karn"
गुमनाम राही
गुमनाम राही
AMRESH KUMAR VERMA
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शराब की दुकान(व्यंग्यात्मक)
शराब की दुकान(व्यंग्यात्मक)
उमा झा
■ अब सब समझदार हैं मितरों!!
■ अब सब समझदार हैं मितरों!!
*प्रणय*
फूल भी खिलते हैं।
फूल भी खिलते हैं।
Neeraj Agarwal
Loading...