Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Dec 2023 · 1 min read

धर्म निरपेक्षता

हमारे दिल में यह ख्याल आता है
जो भीतर तक कचोट सा जाता है ।

रोजगार ,शिक्षा दीक्षा का हक,
देश में रहने का सभी को जाता है ।

अपनी जीवन शैली के अनुसार रहने ,
रीति रिवाज मानने का हक जाता है।

मगर धर्म निरपेक्षता का कर्तव्य ,
सिर्फ हिंदू लोगों पर क्यों जाता है ?

क्यों मुस्लिम / ईसाई संप्रदाय,
होली और दिवाली नहीं मनाता है ।

क्यों हिंदू ही खुले दिल से और, क्रिसमस उल्लास से मनाता है।

क्या धर्म निरपेक्षता का जिम्मा
सिर्फ हिंदुओं ने ले रखा है !
जबकि इस देश को जोड़ने का सभी का कर्तव्य बनता है।

Language: Hindi
2 Likes · 376 Views
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all

You may also like these posts

ये  बेरुखी  अच्छी  नहीं  बातें  करो।
ये बेरुखी अच्छी नहीं बातें करो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"अवध में राम आये हैं"
Ekta chitrangini
होली का त्यौहार
होली का त्यौहार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
बड़ी हिफाजत से मुझे सौंपा जाएगा,
बड़ी हिफाजत से मुझे सौंपा जाएगा,
Smriti Singh
न पणिहारिन नजर आई
न पणिहारिन नजर आई
RAMESH SHARMA
पतझड़ के मौसम हो तो पेड़ों को संभलना पड़ता है
पतझड़ के मौसम हो तो पेड़ों को संभलना पड़ता है
डॉ. दीपक बवेजा
Banaras
Banaras
Sahil Ahmad
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
डॉ0 रामबली मिश्र:व्यक्तित्व एवं कृतित्व
डॉ0 रामबली मिश्र:व्यक्तित्व एवं कृतित्व
Rambali Mishra
संत गुरु नानक देवजी का हिंदी साहित्य में योगदान
संत गुरु नानक देवजी का हिंदी साहित्य में योगदान
Indu Singh
प्रेम का प्रदर्शन, प्रेम का अपमान है...!
प्रेम का प्रदर्शन, प्रेम का अपमान है...!
Aarti sirsat
बयार
बयार
Sanjay ' शून्य'
घटनाएं की नहीं जाती है
घटनाएं की नहीं जाती है
Ajit Kumar "Karn"
" रफूगर "
Dr. Kishan tandon kranti
शौर्य गाथा
शौर्य गाथा
Arvind trivedi
World Temperance & National No sugar day 3 October
World Temperance & National No sugar day 3 October
Rj Anand Prajapati
हिरनी जैसी जब चले ,
हिरनी जैसी जब चले ,
sushil sarna
रमेशराज के 7 मुक्तक
रमेशराज के 7 मुक्तक
कवि रमेशराज
बस पल रहे है, परवरिश कहाँ है?
बस पल रहे है, परवरिश कहाँ है?
पूर्वार्थ
*हर समय सरल व्यवहार रखो, कटु बातों से परहेज करो (राधेश्यामी
*हर समय सरल व्यवहार रखो, कटु बातों से परहेज करो (राधेश्यामी
Ravi Prakash
सफ़र
सफ़र
Kush Dogra
यूँ न फेंको गुलाल.. रहने दो.!
यूँ न फेंको गुलाल.. रहने दो.!
पंकज परिंदा
वैशाली
वैशाली
श्रीहर्ष आचार्य
अपने होने
अपने होने
Dr fauzia Naseem shad
हिन्दी भाषा के शिक्षक / प्राध्यापक जो अपने वर्ग कक्ष में अंग
हिन्दी भाषा के शिक्षक / प्राध्यापक जो अपने वर्ग कक्ष में अंग
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
प्रतिभा दमन, कारण एवं निवारण
प्रतिभा दमन, कारण एवं निवारण
Sudhir srivastava
4276.💐 *पूर्णिका* 💐
4276.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
रूठना तो हमे भी आता हैं..लेकिन मनाने कहा कोई आता हैं..
रूठना तो हमे भी आता हैं..लेकिन मनाने कहा कोई आता हैं..
Swara Kumari arya
कुछ ना करके देखना
कुछ ना करके देखना
Shweta Soni
जुनून
जुनून
Sunil Maheshwari
Loading...