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19 Dec 2023 · 1 min read

संजीदगी

बेशक खयाल रहता है
हर वक़्त ही मुझे
पर कुछ न कहती हूँ
ये समझने की बात है

हो गए हैं प्यार में
उम्र दराज अब
संजीदगी कोई समझे
ये समझने की बात है

-शालिनी मिश्रा तिवारी

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