इस धरा का इस धरा पर सब धरा का धरा रह जाएगा,
शीर्षक -तेरे जाने के बाद!
कभी-कभी कोई प्रेम बंधन ऐसा होता है जिससे व्यक्ति सामाजिक तौर
सोचा जिनका आज से,कभी न लूँगा नाम
मेरी जिंदगी तो बस चल रही है।
काल्पनिक अभिलाषाओं में, समय व्यर्थ में चला गया
जन्मदिन विशेष : अशोक जयंती
The moon you desire to see everyday, maybe I can't be that