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सिद्धार्थ गोरखपुरी
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4 Nov 2023 · 1 min read
मेरी औकात के बाहर हैं सब
मेरी औकात के बाहर हैं सब
दुनिया, लोग, मैं और वो रब
-सिद्धार्थ गोरखपुरी
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