Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Oct 2023 · 1 min read

एक रूप हैं दो

जगतपिता जगजननी दोनों
एक रूप हैं दो कहलाए
तुम में मुझ में भेद न कोई
दोनों उसी एक के जाए

उसका ही सारा जहान यह
वह ही नर, वह ही है नारी
यह रहस्य जो जान गए हैं
वे सारे मनुष्य अवतारी

सब कहते हैं ब्रह्म एक है
वही अनेक बना करता है
वह ही जग का सर्जक पालक
वह ही जग का संहर्ता है

वह अदेह, नाना रूपों में
देह उसी की विद्यमान है
ज्ञाता वही, वही अज्ञानी
वही सृष्टि का परम ज्ञान है

आओ हम उसके चिन्तन में
जीवन जिएं अहर्निश ऐसे
जल में जलज, पंक में पंकज
सरसी में सरसीरुह जैसे

******* महेश चन्द्र त्रिपाठी

Language: Hindi
237 Views
Books from महेश चन्द्र त्रिपाठी
View all

You may also like these posts

आज के दौर के मौसम का भरोसा क्या है।
आज के दौर के मौसम का भरोसा क्या है।
Phool gufran
*सुप्रभात*
*सुप्रभात*
*प्रणय*
नारी
नारी
राकेश पाठक कठारा
प्यार अगर खुद से हो
प्यार अगर खुद से हो
Shivam Rajput
मोदी का अर्थ महंगाई है ।
मोदी का अर्थ महंगाई है ।
Rj Anand Prajapati
मुहब्बत इम्तिहाँ लेती है ...
मुहब्बत इम्तिहाँ लेती है ...
Sunil Suman
My love and life
My love and life
Neeraj kumar Soni
3904.💐 *पूर्णिका* 💐
3904.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मोहिनी
मोहिनी
Rambali Mishra
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"मौत की सजा पर जीने की चाह"
Pushpraj Anant
पुष्पों का पाषाण पर,
पुष्पों का पाषाण पर,
sushil sarna
*मुरादाबाद मंडलीय गजेटियर 2024 (कुंडलिया)*
*मुरादाबाद मंडलीय गजेटियर 2024 (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
परिंदा हूं आसमां का
परिंदा हूं आसमां का
Praveen Sain
इतनी जल्दी दुनियां की
इतनी जल्दी दुनियां की
नेताम आर सी
मान हो
मान हो
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
- तेरे लिए मौत से भी लड़ जाऊंगा -
- तेरे लिए मौत से भी लड़ जाऊंगा -
bharat gehlot
मुझको चाहिए एक वही
मुझको चाहिए एक वही
Keshav kishor Kumar
परिवर्तन
परिवर्तन
Ruchi Sharma
वक्त के धारों के साथ बहना
वक्त के धारों के साथ बहना
पूर्वार्थ
चलो शुरूवात करो
चलो शुरूवात करो
Rekha khichi
sp116 बुझने लगे दीप
sp116 बुझने लगे दीप
Manoj Shrivastava
जो सब समझे वैसी ही लिखें वरना लोग अनदेखी कर देंगे!@परिमल
जो सब समझे वैसी ही लिखें वरना लोग अनदेखी कर देंगे!@परिमल
DrLakshman Jha Parimal
वे रिश्ते आजाद
वे रिश्ते आजाद
RAMESH SHARMA
मुसाफिरखाना है ये दुनिया
मुसाफिरखाना है ये दुनिया
ओनिका सेतिया 'अनु '
इंसान अच्छा है या बुरा यह समाज के चार लोग नहीं बल्कि उसका सम
इंसान अच्छा है या बुरा यह समाज के चार लोग नहीं बल्कि उसका सम
Gouri tiwari
मिसाल देते न थकता था,
मिसाल देते न थकता था,
श्याम सांवरा
"दर्द के फूल"
Dr. Kishan tandon kranti
चांद मुख पे धब्बे क्यों हैं आज तुम्हें बताऊंगी।
चांद मुख पे धब्बे क्यों हैं आज तुम्हें बताऊंगी।
सत्य कुमार प्रेमी
बहुत प्यार करती है वो सबसे
बहुत प्यार करती है वो सबसे
Surinder blackpen
Loading...