सरकार अपराध पर तो नियंत्रण रख सकती है पर किसी के मन पर नहीं
हो गये अब हम तुम्हारे जैसे ही
वो आइने भी हर रोज़ उसके तसव्वुर में खोए रहते हैं,
जिंदा मनुख
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
तेवरी तथाकथित सौन्दर्य की पक्षधर नहीं +विजयपाल सिंह
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ग़म भूल जाइए,होली में अबकी बार
ग़ज़ल _ तलाशो उन्हें बे-मकाँ और भी हैं ,
यूँ तो समन्दर में कभी गोते लगाया करते थे हम