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7 Oct 2023 · 1 min read

ਹਕੀਕਤ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ

ਹਕੀਕਤ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ,ਪਰ ਕਦੇ ਬਿਆਨ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ
ਸਭ ਜ਼ਾਹਿਰ ਹੈ ਮੇਰੇ ਤੇ,ਪਰ ਧਿਆਨ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ।

ਕੌਣ ਕਿੰਨੇ ਦਰਦ ਸਹਿ ਕੇ , ਚੁਪਚਾਪ ਮਰ ਗਿਆ
ਬਿਆਨ ਇਹੋ ਜਿਹੇ ਕਿੱਸੇ ,ਖਾਲੀ ਮਕਾਨ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ।

ਤੂੰ ਕਿਉਂ ਵਾਰ ਵਾਰ ,ਕਰ ਰਿਹਾ ਏਂ ਸ਼ੁਕਰੀਆ
ਕਹਿ ਤੇ ਰਹੇ ਹਾਂ, ਐਵੇਂ ਅਸੀਂ ਅਹਿਸਾਨ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ।

ਬਹੁਤ ਡੂੰਘੇ ਦਫ਼ਨ ਕੀਤੇ ,ਹੋਏ ਨੇ ਕੁਝ ਮੈਂ ਰਾਜ
ਇਸੇ ਲਈ ਕਿਸੇ ਨੂੰ ਵੀ ਰਗ ਏ ਜਾਨ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ।

ਸਿਰਫ ਇੱਕ ਤੂੰ ਹੀ ਵੱਸਿਆ ਨੇ ਦਿਲ ਮੇਰੇ ਵਿਚ
ਇਸੇ ਲਈ ਕਿਸੇ ਹੋਰ ਨੂੰ ,ਦਿਲ ਦਾ ਮਹਿਮਾਨ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ।

ਸੁਰਿੰਦਰ ਕੌਰ

Language: Punjabi
188 Views
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