Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Nov 2023 · 1 min read

मैं फक्र से कहती हू

मै फक्र से कहती हूं ,
मेरे पास भी दोस्त है,
अंधेरी रातो मे खड़ा मेरा प्यार है,
मुझे रोशनी देता वह चाँद है ।।

हाँ मै चाँदनी नहीं,
मैं तो फूल हू जिसे पाने उसने
काटो से रिश्ता जोड़ा है ।
मेरे पास दोस्तों की महफिल नही
मेरा दोस्त ही मेरी महफिल है
चाँदनी रात मे खड़ा है
मेरे साथ चलता है
बेशक मेरे पास नही ,
उसकी रोशनी की कारणों से मुझे लपेटता है।

मै भी फक्र से कहती हु ,
मैं भी चाँद से दोस्ती रखती हू
मैं उसके साथ नही ,
मगर उसके खुशबु से टकराती हु।
नौशाबा जिलानी सुरिया

2 Likes · 152 Views

You may also like these posts

तुम मेरे बाद भी
तुम मेरे बाद भी
Dr fauzia Naseem shad
*आशाओं के दीप*
*आशाओं के दीप*
Harminder Kaur
क्या हो तुम मेरे लिए (कविता)
क्या हो तुम मेरे लिए (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
पहली मुलाकात
पहली मुलाकात
Sudhir srivastava
2555.पूर्णिका
2555.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मैंने एक दिन खुद से सवाल किया —
मैंने एक दिन खुद से सवाल किया —
SURYA PRAKASH SHARMA
अपनों का साथ भी बड़ा विचित्र हैं,
अपनों का साथ भी बड़ा विचित्र हैं,
Umender kumar
#घर की तख्ती#
#घर की तख्ती#
Madhavi Srivastava
इन रावणों को कौन मारेगा?
इन रावणों को कौन मारेगा?
कवि रमेशराज
मां मुझे सब याद है
मां मुझे सब याद है
CA Amit Kumar
मिथकीय/काल्पनिक/गप कथाओं में अक्सर तर्क की रक्षा नहीं हो पात
मिथकीय/काल्पनिक/गप कथाओं में अक्सर तर्क की रक्षा नहीं हो पात
Dr MusafiR BaithA
दिवाली के दिन सुरन की सब्जी खाना क्यों अनिवार्य है? मेरे दाद
दिवाली के दिन सुरन की सब्जी खाना क्यों अनिवार्य है? मेरे दाद
Rituraj shivem verma
अब मुझे यूं ही चलते जाना है: गज़ल
अब मुझे यूं ही चलते जाना है: गज़ल
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"इसी का नाम जीवन है"
Dr. Kishan tandon kranti
सिर्फ कलैंडर ही बदला है, किंतु न बदला हाल।।
सिर्फ कलैंडर ही बदला है, किंतु न बदला हाल।।
श्रीकृष्ण शुक्ल
जीत जुनून से तय होती है।
जीत जुनून से तय होती है।
Rj Anand Prajapati
रेतीले तपते गर्म रास्ते
रेतीले तपते गर्म रास्ते
Atul "Krishn"
#Secial_story
#Secial_story
*प्रणय*
जीवन है आँखों की पूंजी
जीवन है आँखों की पूंजी
Suryakant Dwivedi
किसने कहा, आसान था हमारे 'हम' से 'तेरा' और 'मेरा' हो जाना
किसने कहा, आसान था हमारे 'हम' से 'तेरा' और 'मेरा' हो जाना
Manisha Manjari
*प्रेम का डाकिया*
*प्रेम का डाकिया*
Shashank Mishra
स्वर्गीय लक्ष्मी नारायण पांडेय निर्झर की पुस्तक 'सुरसरि गंगे
स्वर्गीय लक्ष्मी नारायण पांडेय निर्झर की पुस्तक 'सुरसरि गंगे
Ravi Prakash
तुम
तुम
Tarkeshwari 'sudhi'
यु निगाहों का निगाहों से,
यु निगाहों का निगाहों से,
Manisha Wandhare
मेरे दो बेटे हैं
मेरे दो बेटे हैं
Santosh Shrivastava
मौहब्बत क्या है? क्या किसी को पाने की चाहत, या फिर पाकर उसे
मौहब्बत क्या है? क्या किसी को पाने की चाहत, या फिर पाकर उसे
पूर्वार्थ
आग़ाज़
आग़ाज़
Shyam Sundar Subramanian
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
जीते जी होने लगी,
जीते जी होने लगी,
sushil sarna
तू ज्वाला की तिल्ली हो
तू ज्वाला की तिल्ली हो
उमा झा
Loading...