Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Oct 2023 · 1 min read

श्री बिष्णु अवतार विश्व कर्मा

सृष्टि रची है जिसने,
किया स्वर्ण लंका का निर्माण
देख महल लंका को,
रावण को हुआ था अभिमान

कर्म कार थे विश्वकर्मा
साक्षात बिष्णु का अवतार।
छन भर में सृष्टि रचना
कर लेते‌ थे सू सुमार।।

सत्रह सितम्बर प्रकट उत्सव
विश्व विदित है त्योहार।
जन्मदिन है आपका
हस्तकला दीजिए भगवान।

कृपा दृष्टि मिले यदि आपका
कर सकूं कुछ काम।
जो कुछ करेंगे,आप ही प्रभु
धरती पर होगा मेरा नाम।।

शरण विजय को राखिये
शरण लीजिएगा आप।
नजर लगी, हैं जहां जहां
रचइता है केवल आप ।।

नर नहीं आप नारायण है
साक्षात बिष्णु अवतार।
बस सहारा केंवल आप प्रभु
सृष्टि किया है निर्माण।।

डॉ विजय कुमार कन्नौजे अमोदी आरंग ज़िला रायपुर छ ग

Language: Hindi
Tag: Article
1 Like · 221 Views

You may also like these posts

Gestures Of Love
Gestures Of Love
Vedha Singh
4735.*पूर्णिका*
4735.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दवाखाना  से अब कुछ भी नहीं होता मालिक....
दवाखाना से अब कुछ भी नहीं होता मालिक....
सिद्धार्थ गोरखपुरी
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
खुद के हाथ में पत्थर,दिल शीशे की दीवार है।
खुद के हाथ में पत्थर,दिल शीशे की दीवार है।
Priya princess panwar
हंसगति
हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
'मुट्ठीभर रेत'
'मुट्ठीभर रेत'
Godambari Negi
17== 🌸धोखा 🌸
17== 🌸धोखा 🌸
Mahima shukla
मैं नारी हूं
मैं नारी हूं
Mukesh Kumar Sonkar
" स्वर्ग "
Dr. Kishan tandon kranti
रोला छंद :-
रोला छंद :-
sushil sarna
पहचान
पहचान
Dr.Priya Soni Khare
*वो खफ़ा  हम  से इस कदर*
*वो खफ़ा हम से इस कदर*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
नवीन और अनुभवी, एकजुट होकर,MPPSC की राह, मिलकर पार करते हैं।
नवीन और अनुभवी, एकजुट होकर,MPPSC की राह, मिलकर पार करते हैं।
पूर्वार्थ
।।
।।
*प्रणय*
ईश्वर में आसक्ति मोक्ष है
ईश्वर में आसक्ति मोक्ष है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
बात के हो जादूगर इस अदा से उल्फत है ।
बात के हो जादूगर इस अदा से उल्फत है ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
तुम जाते हो..
तुम जाते हो..
Priya Maithil
संघर्ष
संघर्ष
Shyam Sundar Subramanian
দৃশ্যপট
দৃশ্যপট
Sakhawat Jisan
तस्वीर से निकलकर कौन आता है
तस्वीर से निकलकर कौन आता है
Manoj Mahato
*The Bus Stop*
*The Bus Stop*
Poonam Matia
तुम बिन जाएं कहां
तुम बिन जाएं कहां
Surinder blackpen
अच्छा सुनो ना
अच्छा सुनो ना
Jyoti Roshni
कितने बदल गये
कितने बदल गये
Suryakant Dwivedi
डर नाहि लागो तोरा बाप से
डर नाहि लागो तोरा बाप से
श्रीहर्ष आचार्य
दीपपर्व
दीपपर्व
Rajesh Kumar Kaurav
पापा तुम बिन
पापा तुम बिन
Vandna Thakur
डर अंधेरों से नही अपने बुरे कर्मों से पैदा होता है।
डर अंधेरों से नही अपने बुरे कर्मों से पैदा होता है।
Rj Anand Prajapati
मजबूरियां थी कुछ हमारी
मजबूरियां थी कुछ हमारी
gurudeenverma198
Loading...