Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Oct 2023 · 1 min read

बुंदेली दोहा- गरे गौ (भाग-1)

बुंदेली दोहा विषय – गरे गौं (आफत में जान या मुसीबत में पड़ना)

1
आज गरे गौं पर गई , जिनै तनिक पुटयाव |
घर में आकै कात है , #राना खाबै लाव ||
***
2
लिपट गरे गौं तास रइ , उनकी अब पंच्यात |
कैसें हौबें फैसला , #राना मुड़ी पिरात ||
***

3

उनकौ मौं चउँअर चलौ , खूब दऔ खरयाट |
ब्याद गरे गौं पर गई , #राना जुर गइ हाट ||

***
राजीव नामदेव “राना लिधौरी” टीकमगढ़*
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com

1 Like · 173 Views
Books from राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
View all

You may also like these posts

जब सिस्टम ही चोर हो गया
जब सिस्टम ही चोर हो गया
आकाश महेशपुरी
देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः। नमो नमस्ते तुल
देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः। नमो नमस्ते तुल
Shashi kala vyas
भूख
भूख
Mansi Kadam
THIS IS WHY YOU DON’T SUCCEED:
THIS IS WHY YOU DON’T SUCCEED:
पूर्वार्थ
छोटी - छोटी खुशियों को हम
छोटी - छोटी खुशियों को हम
Meera Thakur
ज़िंदगी की जंग जीतनी हो....
ज़िंदगी की जंग जीतनी हो....
Ajit Kumar "Karn"
*नृप दशरथ चिंता में आए (कुछ चौपाइयॉं)*
*नृप दशरथ चिंता में आए (कुछ चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
2783. *पूर्णिका*
2783. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
छोटी- छोटी प्रस्तुतियों को भी लोग पढ़ते नहीं हैं, फिर फेसबूक
छोटी- छोटी प्रस्तुतियों को भी लोग पढ़ते नहीं हैं, फिर फेसबूक
DrLakshman Jha Parimal
रोला छंद :-
रोला छंद :-
sushil sarna
हर बात का सत्य है
हर बात का सत्य है
Seema gupta,Alwar
सीना तान जिंदा है
सीना तान जिंदा है
Namita Gupta
पंडित मदनमोहन मालवीय
पंडित मदनमोहन मालवीय
नूरफातिमा खातून नूरी
उनकी निष्ठा पर कभी, करना नहीं सवाल
उनकी निष्ठा पर कभी, करना नहीं सवाल
RAMESH SHARMA
मानवता का सन्देश
मानवता का सन्देश
manorath maharaj
श्याम की महिमा भजन अरविंद भारद्वाज
श्याम की महिमा भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
*नशा तेरे प्यार का है छाया अब तक*
*नशा तेरे प्यार का है छाया अब तक*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अब न तुमसे बात होगी...
अब न तुमसे बात होगी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
हम तो फूलो की तरह अपनी आदत से बेबस है.
हम तो फूलो की तरह अपनी आदत से बेबस है.
शेखर सिंह
मित्रता
मित्रता
Dr.sima
(कविता शीर्षक) *जागृति की मशाल*
(कविता शीर्षक) *जागृति की मशाल*
Ritu Asooja
अग्नि कन्या बीना दास
अग्नि कन्या बीना दास
Dr.Pratibha Prakash
वक्त के साथ-साथ चलना मुनासिफ है क्या
वक्त के साथ-साथ चलना मुनासिफ है क्या
डॉ. दीपक बवेजा
दृढ़
दृढ़
Sanjay ' शून्य'
ग़ज़ल _ सब्र अपने पास रखना चाहिए ।
ग़ज़ल _ सब्र अपने पास रखना चाहिए ।
Neelofar Khan
ले चल पार
ले चल पार
Sarla Mehta
" अदा "
Dr. Kishan tandon kranti
सुकून
सुकून
Mahesh Tiwari 'Ayan'
राखी
राखी
Sudhir srivastava
22. खत
22. खत
Rajeev Dutta
Loading...