Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Oct 2023 · 1 min read

जो बैठा है मन के अंदर उस रावण को मारो ना

जो बैठा है मन के अंदर उस रावण को मारो ना
राम मिलेगा खुद के अंदर गुण ह्रदय में धारो ना
जो बैठा है मन के अंदर उस रावण को मारो ना

ढूंढ रहे हो मंदिर-मंदिर राम-राम की रटते माला
माँ-बाप की सेवा का है पहला फर्ज विचारो ना
जो बैठा है मन के अंदर उस रावण को मारो ना

माँ,बहन,बेटी को इज्जत मान सम्मान मिले पूरा
जो नारी है पूजा लायक उसको यूँ धिक्कारो ना
जो बैठा है मन के अंदर उस रावण को मारो ना

कर्म भूलकर पाप कमाते करते हो यूँ अय्यासी
मूल मंत्र है कर्म करो जीवन की राह निखारो ना
जो बैठा है मन के अंदर उस रावण को मारो ना

V9द मौन रहना अच्छा देखो कड़वे वचनो से
बुरा किसी का ना करना बुरी नजर निहारो ना
जो बैठा है मन के अंदर उस रावण को मारो ना

स्वरचित
( V9द चौहान )

2 Likes · 258 Views
Books from VINOD CHAUHAN
View all

You may also like these posts

Opportunity definitely knocks but do not know at what point - PiyushGoel
Opportunity definitely knocks but do not know at what point - PiyushGoel
Piyush Goel
उम्मीद देगी क्या ये भला जनवरी हमें
उम्मीद देगी क्या ये भला जनवरी हमें
Dr fauzia Naseem shad
रास्ते  की  ठोकरों  को  मील   का  पत्थर     बनाता    चल
रास्ते की ठोकरों को मील का पत्थर बनाता चल
पूर्वार्थ
"प्लेटो ने कहा था"
Dr. Kishan tandon kranti
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
"बेचारी की फ़ितरत में, राग़ नहीं है ग़म वाला।
*प्रणय*
तलाशता हूँ उस
तलाशता हूँ उस "प्रणय यात्रा" के निशाँ
Atul "Krishn"
दिल किसी का भी हो पत्थर का तो होता नहीं है मगर यहाँ कुछ लोग
दिल किसी का भी हो पत्थर का तो होता नहीं है मगर यहाँ कुछ लोग
Dr. Man Mohan Krishna
" अकेलापन की तड़प"
Pushpraj Anant
पंखो सी हलकी मुस्कान तुम्हारी ,
पंखो सी हलकी मुस्कान तुम्हारी ,
Manisha Wandhare
रमेशराज की पेड़ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की पेड़ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
डॉ भीमराव अम्बेडकर
डॉ भीमराव अम्बेडकर
डिजेन्द्र कुर्रे
कौन सा हुनर है जिससे मुख़ातिब नही हूं मैं,
कौन सा हुनर है जिससे मुख़ातिब नही हूं मैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
खानदानी चाहत में राहत🌷
खानदानी चाहत में राहत🌷
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
गीत- हमें मालूम है जीना...
गीत- हमें मालूम है जीना...
आर.एस. 'प्रीतम'
मध्यम मार्ग
मध्यम मार्ग
अंकित आजाद गुप्ता
त्योहार का आनंद
त्योहार का आनंद
Dr. Pradeep Kumar Sharma
नारी का बदला स्वरूप
नारी का बदला स्वरूप
विजय कुमार अग्रवाल
मर मर कर जीना पड़ता है !
मर मर कर जीना पड़ता है !
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
कामिल नहीं होता
कामिल नहीं होता
Kunal Kanth
हमारी फीलिंग्स भी बिल्कुल
हमारी फीलिंग्स भी बिल्कुल
Sunil Maheshwari
*मायूस चेहरा*
*मायूस चेहरा*
Harminder Kaur
वो गली का मुहाना,वो नुक्कड़ की दुकान
वो गली का मुहाना,वो नुक्कड़ की दुकान
पं अंजू पांडेय अश्रु
मेरी मोमबत्ती तुम।
मेरी मोमबत्ती तुम।
Rj Anand Prajapati
4240.💐 *पूर्णिका* 💐
4240.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*Life's Lesson*
*Life's Lesson*
Veneeta Narula
मैने कभी बेहतर की तलाश नही की,
मैने कभी बेहतर की तलाश नही की,
Mukul Koushik
भूख
भूख
Sudhir srivastava
हर पाँच बरस के बाद
हर पाँच बरस के बाद
Johnny Ahmed 'क़ैस'
उन लम्हों को..
उन लम्हों को..
हिमांशु Kulshrestha
Loading...