Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Oct 2023 · 1 min read

तुम न जाने कितने सवाल करते हो।

तुम न जाने कितने सवाल करते हो।
हे जवाब सबके
क्यों खुद को इतना बेताब करते हो।
कहाँ से लाते हो सारे सवाल
पर सारे सवाल तुम लाजवाब करते हो।
क्या छुपा के रखा है दिल में
जो हर सवाल में बया करते हो।
कभी कोई जवाब देना पड जाये
उसका कोई इन्तजाम रखते हो।
तुम न जाने कितने सवाल करते हो
हे जो भी दिल में
उसे बेहिसाब बया करते हो।
🌺🌺 🌺🌺
🦋Swami ganganiya🦋

407 Views
Books from Swami Ganganiya
View all

You may also like these posts

मोहब्बत में मोहब्बत से नजर फेरा,
मोहब्बत में मोहब्बत से नजर फेरा,
goutam shaw
*धन्य करें इस जीवन को हम, परहित हर क्षण जिया करें (गीत)*
*धन्य करें इस जीवन को हम, परहित हर क्षण जिया करें (गीत)*
Ravi Prakash
बचपन का प्यार
बचपन का प्यार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जिंदगी भी कुछ पहाड़ की तरह होती हैं।
जिंदगी भी कुछ पहाड़ की तरह होती हैं।
Neeraj Agarwal
दिमाग की ताक़त देखो,
दिमाग की ताक़त देखो,
Ritesh Deo
पारिवारिक व्यथा
पारिवारिक व्यथा
Dr. P.C. Bisen
*धरती माँ*
*धरती माँ*
Pallavi Mishra
..
..
*प्रणय*
सत्य की खोज
सत्य की खोज
dks.lhp
आइये हम ये विचार करें
आइये हम ये विचार करें
Dr.Pratibha Prakash
काम चले ना
काम चले ना
ललकार भारद्वाज
देवता कुल के राक्षस
देवता कुल के राक्षस
Arun Prasad
अभी नहीं पूछो मुझसे यह बात तुम
अभी नहीं पूछो मुझसे यह बात तुम
gurudeenverma198
ज्ञान
ज्ञान
Rambali Mishra
सुहानी बरसात को तरसोगे
सुहानी बरसात को तरसोगे
अरशद रसूल बदायूंनी
शून्य
शून्य
Roopali Sharma
हे माँ अम्बे रानी शेरावाली
हे माँ अम्बे रानी शेरावाली
Basant Bhagawan Roy
सच्ची मोहब्बत न सरहद को देखती है न मजहब को न ही जाति,वर्ग और
सच्ची मोहब्बत न सरहद को देखती है न मजहब को न ही जाति,वर्ग और
Rj Anand Prajapati
मउगी ओकर (हास्य कविता)
मउगी ओकर (हास्य कविता)
आकाश महेशपुरी
दीवाली जी शाम
दीवाली जी शाम
RAMESH SHARMA
जो कहना है,मुंह पर कह लो
जो कहना है,मुंह पर कह लो
दीपक झा रुद्रा
सब धरा का धरा रह जायेगा
सब धरा का धरा रह जायेगा
Pratibha Pandey
याद किया नहिं कभी राम को नित माया ही जोड़ी
याद किया नहिं कभी राम को नित माया ही जोड़ी
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
"सुन लेना पुकार"
Dr. Kishan tandon kranti
आजकल के समाज में, लड़कों के सम्मान को उनकी समझदारी से नहीं,
आजकल के समाज में, लड़कों के सम्मान को उनकी समझदारी से नहीं,
पूर्वार्थ
कल की तस्वीर है
कल की तस्वीर है
Mahetaru madhukar
शिक्षक है  जो  ज्ञान -दीप  से  तम  को  दूर  करे
शिक्षक है जो ज्ञान -दीप से तम को दूर करे
Anil Mishra Prahari
23/113.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/113.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
माता कौशल्या
माता कौशल्या
Sudhir srivastava
कतरनों सा बिखरा हुआ, तन यहां
कतरनों सा बिखरा हुआ, तन यहां
Pramila sultan
Loading...