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2 Oct 2023 · 1 min read

*खुद को खुदा समझते लोग हैँ*

खुद को खुदा समझते लोग हैँ
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खुद को खुदा समझते लोग हैँ,
खुद के किरदार से गिरते लोग हैँ।

खुद में खुदा देखना फितरत रही,
औरों मैं दानव को देखते लोग है।

खुदा की रहमत का असर देखो,
उन्हीं के नाम पर लड़ते लोग हैँ।

कोई किसी का नहीं हुआ जहां में,
फिर क्यों किसी मर मरते लोग हैँ।

मौकापरस्ती का आलम तो देखो,
हर रोज नई राहें बदलते लोग हैँ।

मनसीरत पंछी बन उड़ता नभ में,
बादलों संग क्यों विचरते लोग हैँ।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैथल)

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