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29 Sep 2023 · 1 min read

*फिर से जागे अग्रसेन का, अग्रोहा का सपना (मुक्तक)*

फिर से जागे अग्रसेन का, अग्रोहा का सपना (मुक्तक)
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यह समाजवादी विचार था, समता भरी कहानी
एक ईंट ने एक रूपै ने, परिवर्तन की ठानी
फिर से जागे अग्रसेन का, अग्रोहा का सपना
धनी बनें फिर सारे निर्धन, फिर समाज हो दानी
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

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