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16 Sep 2023 · 1 min read

बहुत ज़्यादा ज़रूरत है मुझे इतनी सज़ा दे दो

बहुत ज़्यादा ज़रूरत है मुझे इतनी सज़ा दे दो
वो जाए छोड़कर मुझको महज़ ऐसी दुआ दे दो

मुझे उस बे-वफ़ा से अब ज़रा सा भी नहीं मिलना
कभी सपनें न आए फिर चलो ऐसी दवा दे दो

तड़पते हैं मोहब्बत में फ़क़त जिसकी वजह से सब
मेरी किस्मत में भी वैसी सज़ा-ए-फ़ासला दे दो

दिल-ए-नादा को गर उसकी कभी फिर याद भी आए
ख़ुशी से ख़ुदकुशी करने का इसको हौसला दे दो

ख़ुदा मुझको अगर कुछ मांगने का एक मौका दे
मैं कहता बस मुझे मेरा पुराना क़हक़हा दे दो

-जॉनी अहमद क़ैस

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