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9 Sep 2023 · 1 min read

जिंदगी

जिंदगी बस एक सफर हैं।
संसारिक मोह माया साथ हैं।

न तेरी न मेरी अपनी जिंदगी हैं।
बंस हक दूसरे को हम देते हैंं।

सच नर नारी समान जिंदगी हैं।
घर चार दीवारी केवल मेरी हैं।

मन भावों में रिश्ते जिंदगी हैं।
न किसी को पता मेरी रचना हैं।

सच तो बस यही मेरी जिंदगी हैं।
चार पैसों में बंधे मेरे सपने हैं।

जिंदगी कल पल बरसों न पता हैं।
बहस आस उम्मीद के साथ हम हैं।

जिंदगी तो एक दिन का रंगमंच हैं।
हमसफ़र न तेरा न मेरा अकेला है।

नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

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