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29 Aug 2023 · 1 min read

एक राजा की राज दुलारी

एक राजा की राज दुलारी
राज सभा को प्यारी थी।
कर्म धर्म पर सजग प्रहरी
मानवता की पुजारीन थी।।

सत्यवान की नारी सुंदर
किस्मत की वो मारी थी।
राज महल में जनम लेके
झोपड़ी में लकड़हारिन थी।।

पतिव्रता की पराकाष्ठा वो
पति प्रेम की पुजारीन थी।
सत्यवान की थी नारी सुंदर
यमराज भी उनसे हारी थी।।

नाम सावित्री पतिव्रता भारी
मौत पति का वह टारी थी।
सीता सावित्री थी पतिव्रता
अनुसुइया भारत में नारी थी।।

अब पड़ गया छांया विदेशो का
पुरूषों का अब बारी है।
पत्नी व्रत धारी पुरूष बनो
तलाक का भी अत्याचारी है।।

डां विजय कुमार कन्नौजे
अमोदी आरंग ज़िला रायपुर छ ग

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