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13 Aug 2023 · 1 min read

बुंदेली दोहा- चिलकत

बुंदेली दोहा विषय – चिलकत (चमकता)

इसका उच्चारण मात्रा भार ( चिल+कत = दो +दो है , इस शब्द से यति और पदांत नहीं हो सकता है , अत: ऐसे शब्दों का प्रयोग प्रारंभ और मध्य में किया जाता है
सादर

भारत भी चिलकत रयै , #राना मंशा आज |
सब लौगन के काम से , आय ‌राम कौ राज ||

चिलकत #राना आदमी , नियत रखै जो साफ |
खौटोंपन उतरात है , कोउ करत ना माफ ||

नेता चिलकत से लगैं , जीतैं अगर ‌ चुनाव |
हारे करिया से लगत , #राना मिलत न भाव ||

चिलकत मन उनकौ सदा , भजन सदा जो गाँय |
#राना रातइ मस्त हैं , फल भी नौनों पाँय ||

चिलकत रहियौ सब इतै , लिखियौ अक्छर चार |
हिलै – मिलै #राना रयैं , करैं पटल सिंगार ||

हम तुम सब चिलकत रयैं , हृदय भाव मजबूत |
#राना नौनों लिख चलैं , बनें शारदा पूत ||
***

✍️ राजीव नामदेव “राना लिधौरी” टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com

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